नदी जोड़ो से औद्योगिक निवेश तक 2024 का सफर
वर्ष 2024 मध्यप्रदेश के विकास के लिए एक ऐतिहासिक और बदलावकारी वर्ष साबित हुआ। सरकार ने जल संकट से निपटने, औद्योगिक निवेश आकर्षित करने और कृषि क्षेत्र में सुधार लाने के लिए कई उल्लेखनीय कदम उठाए।
जल प्रबंधन में ऐतिहासिक पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस वर्ष देश की पहली नदी जोड़ो परियोजना – केन-बेतवा लिंक और पार्वती-कालीसिंध-चंबल परियोजना की आधारशिला रखी। इन परियोजनाओं से न केवल प्रदेश के सूखाग्रस्त इलाकों को राहत मिलेगी, बल्कि कृषि उत्पादन में भी वृद्धि होगी। जल संसाधनों के समान वितरण और उपयोग के लिए ये परियोजनाएं राष्ट्रीय स्तर पर एक मिसाल बनेंगी।
औद्योगिक निवेश में नई ऊंचाईयां
प्रदेश में आयोजित 6 क्षेत्रीय औद्योगिक सम्मेलनों, मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की विदेश यात्राओं और देशभर में रोड शो के माध्यम से 4 लाख करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हुए। इनसे प्रदेश में 10 लाख से अधिक रोजगार अवसर सृजित होने की उम्मीद है।
सरकार ने निवेश को प्रदेश के हर क्षेत्र में समान रूप से वितरित करने का लक्ष्य रखा है, जिससे क्षेत्रीय असंतुलन कम होगा।
कृषि क्षेत्र को नई दिशा
कृषकों को प्रोत्साहन देने के लिए रानी दुर्गावती श्रीअन्न प्रोत्साहन योजना लागू की गई। इसके तहत मोटे अनाज (श्रीअन्न) के उत्पादन पर प्रति क्विंटल 1,000 रुपये प्रोत्साहन राशि दी जा रही है। यह पहल किसानों की आय बढ़ाने और पोषणयुक्त फसलों के उत्पादन को प्रोत्साहित करने की दिशा में मील का पत्थर साबित होगी।
राजस्व सुधार और प्रशासनिक पहल
सरकार ने राजस्व महाअभियान चलाकर लंबित मामलों का तेजी से निराकरण किया और जिला परिसीमन आयोग का गठन किया। इससे प्रशासनिक बाधाओं को दूर करने में मदद मिली।
भविष्य की चुनौतियां और संभावनाएं
हालांकि 2024 में कई ऐतिहासिक कदम उठाए गए, लेकिन इनके प्रभावी क्रियान्वयन में कुछ चुनौतियां बनी हुई हैं। जल परियोजनाओं के लिए वित्तीय और तकनीकी समर्थन, पर्यावरण संरक्षण, और निवेश प्रस्तावों को जमीन पर उतारना आने वाले समय में प्रमुख मुद्दे रहेंगे।मध्यप्रदेश की जनता और सरकार के सामूहिक प्रयासों से प्रदेश को विकास की नई ऊंचाईयों तक ले जाने की उम्मीद है।