फसलों के परिवहन से संबंधित योजना..
केंद्र और राज्य सरकारें किसानों की उपज को दूसरे राज्यों और बाजारों तक पहुंचाने में मदद के लिए एक नई योजना पर काम कर रही हैं। यह पहल भारतीय कृषि क्षेत्र को और सशक्त बनाने के उद्देश्य से उठाई जा रही है, जिससे भारतीय कृषि की जीडीपी में योगदान को बढ़ाया जा सके।
कृषि मंत्री की बड़ी घोषणा
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने सोमवार को गोकले इंस्टिट्यूट ऑफ पॉलिटिक्स एंड इकोनॉमिक्स (AERC) के प्लेटिनम जुबली समारोह में इस योजना की जानकारी दी। उन्होंने कहा, “केंद्र सरकार किसानों की उपज को दूरस्थ स्थानों तक पहुंचाने के लिए एक नई योजना पर काम कर रही है।” इस कदम से न केवल किसानों को अपने उत्पादों को विभिन्न बाजारों में बेचनें में सहूलियत होगी, बल्कि कृषि क्षेत्र में भी व्यापक सुधार होगा।
कृषि क्षेत्र को और मजबूत बनाने की दिशा में
भारत का कृषि क्षेत्र देश की जीडीपी में 18% योगदान देता है, और सरकार इसे और सशक्त बनाने के लिए विभिन्न पहलुओं पर काम कर रही है। मंत्री ने प्राकृतिक संसाधनों के विवेकपूर्ण उपयोग, जल संसाधन प्रबंधन, और कीटनाशकों के अंधाधुंध उपयोग को रोकने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। उन्होंने यह भी कहा कि अब समय आ गया है जब हमें प्राकृतिक खेती की ओर बढ़ने की जरूरत है।
नदी जोड़ने की परियोजना और अन्य पहल
शिवराज सिंह चौहान ने यह भी बताया कि आगामी 25 दिसंबर को नदी जोड़ने की परियोजना की शुरुआत की जाएगी, जिससे किसानों को पानी की कमी से निपटने में मदद मिलेगी। इस परियोजना के तहत पानी के स्रोतों को जोड़कर सिंचाई की व्यवस्था को बेहतर बनाया जाएगा। इसके अलावा, उन्होंने यह भी कहा कि किसानों को नई तकनीकों से अवगत कराना जरूरी है ताकि कम पानी में अधिक सिंचाई हो सके।
किसान और वैज्ञानिकों के बीच संवाद बढ़ाने के प्रयास
कृषि मंत्री ने ‘मॉडर्न कृषि चौपाल’ नामक एक टेलीविजन कार्यक्रम की भी घोषणा की, जो डीडी किसान चैनल पर प्रसारित होगा। यह कार्यक्रम किसानों, शोधकर्ताओं, और वैज्ञानिकों के बीच विचारों के आदान-प्रदान का एक बेहतरीन मंच प्रदान करेगा। इसके जरिए कृषि क्षेत्र से संबंधित नवीनतम जानकारी और शोध किसानों तक सीधे पहुंच सकेंगे।
स्थानीय भाषाओं में कृषि ज्ञान साझा करना
शिवराज सिंह चौहान ने स्थानीय भाषाओं में कृषि ज्ञान साझा करने की आवश्यकता पर भी बल दिया। उन्होंने कहा कि कृषि संबंधी जानकारी केवल अंग्रेजी तक सीमित नहीं रहनी चाहिए, बल्कि इसे विभिन्न भाषाओं में भी उपलब्ध कराया जाना चाहिए ताकि ज्यादा से ज्यादा किसानों तक पहुंच सके।
इस नई योजना और पहल से किसानों को जहां एक ओर अपनी फसल को विभिन्न बाजारों तक आसानी से पहुंचाने में मदद मिलेगी, वहीं दूसरी ओर कृषि क्षेत्र में शोध और तकनीकी विकास को भी बढ़ावा मिलेगा, जिससे भारतीय कृषि को एक नई दिशा मिलेगी।