जानिए , किसानों और ग्रामीणों के विकास की डॉ. मनमोहन सिंह की महत्वपूर्ण योजनाएं
भारत के पूर्व प्रधानमंत्री और विश्व प्रसिद्ध अर्थशास्त्री डॉ. मनमोहन सिंह का निधन एक अत्यंत शोकजनक घटना है, लेकिन उनकी सरकार द्वारा शुरू की गई योजनाओं का प्रभाव आज भी भारत के किसानों और ग्रामीणों के जीवन में स्पष्ट रूप से देखा जा सकता है। डॉ. सिंह का कार्यकाल भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए मील का पत्थर साबित हुआ और उन्होंने किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए कई महत्वपूर्ण योजनाओं की शुरुआत की।
डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल की प्रमुख योजनाएं
डॉ. मनमोहन सिंह का योगदान भारतीय किसानों और ग्रामीणों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण रहा। उनके नेतृत्व में शुरू की गई योजनाएं आज भी ग्रामीण विकास और कृषि क्षेत्र में सकारात्मक बदलाव ला रही हैं। उनका दृष्टिकोण हमेशा यह रहा कि आर्थिक सुधारों के साथ-साथ कृषि और ग्रामीण क्षेत्र को भी मजबूत किया जाए, जिससे समग्र विकास हो सके। उनका योगदान भारतीय राजनीति और अर्थव्यवस्था में हमेशा याद रखा जाएगा।किसानों और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास के लिए महत्वपूर्ण योजनाएं इस प्रकार हैं
(1) कृषि कर्ज माफी योजना – किसानों के लिए राहत
डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने 2008 में कृषि संकट के दौरान किसानों को राहत देने के लिए 60,000 करोड़ रुपये की कृषि कर्जमाफी योजना शुरू की। यह कदम किसानों के लिए बड़ी राहत साबित हुआ और इस योजना को केंद्र सरकार की ओर से की गई अंतिम बड़ी कर्जमाफी के रूप में देखा गया। कृषि संकट से जूझ रहे किसानों को इस योजना ने एक नया अवसर प्रदान किया और उन्हें पुनः खड़ा होने में मदद की।
(2) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) और Direct Benefit Transfer
डॉ. सिंह की सरकार ने प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (DBT) प्रणाली की शुरुआत की, जिससे अब सरकार की योजनाओं का लाभ सीधे किसानों और नागरिकों तक पहुँचने लगा। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN) योजना का मार्ग भी इस प्रणाली के जरिए प्रशस्त हुआ। इसके तहत किसानों को उनके बैंक खातों में सीधे 6,000 रुपये की राशि तीन समान किस्तों में दी जाती है, जिससे उनकी आर्थिक स्थिति में सुधार हो रहा है।
(3) राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA)
2005 में डॉ. मनमोहन सिंह ने ग्रामीण विकास के लिए राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम (NREGA) की शुरुआत की। इस योजना के तहत हर ग्रामीण परिवार को 100 दिनों के रोजगार की गारंटी दी गई, जिससे लाखों ग्रामीणों की जीवनस्तर में सुधार हुआ। यह योजना आज भी ग्रामीण भारत में रोजगार और विकास का अहम स्रोत बनी हुई है।
(4) स्वामीनाथन आयोग और कृषि सुधार
हालांकि डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू नहीं किया जा सका, लेकिन उन्होंने कृषि क्षेत्र के विकास पर गहरी नजर रखी। 2004 में राष्ट्रीय किसान आयोग (जिसे बाद में स्वामीनाथन आयोग कहा गया) का गठन किया गया था, और इसके जरिए कृषि संकट और किसानों की समस्याओं को हल करने के लिए कई सिफारिशें की गई थीं। डॉ. सिंह का मानना था कि किसानों की आय तभी बढ़ सकती है, जब कृषि में काम करने वाले लोगों की संख्या घटे और गैर-कृषि क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़ें।
(5) आधार कार्ड योजना और खाद्य सुरक्षा
डॉ. मनमोहन सिंह की सरकार ने 2009 में आधार कार्ड योजना की शुरुआत की, जिससे देशभर में नागरिकों की पहचान सुनिश्चित हुई। यह योजना आज हर भारतीय के लिए पहचान का एक महत्वपूर्ण साधन बन चुकी है। इसके साथ ही, उन्होंने 2013 में राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम लागू किया, जिसका उद्देश्य गरीब और कमजोर वर्गों को सस्ते दरों पर खाद्यान्न उपलब्ध कराना था।
(6) कृषि ऋण माफी और सब्सिडी योजनाएं
2008 में कृषि ऋण माफी योजना के तहत संकट में फंसे किसानों को 60,000 करोड़ रुपये का ऋण माफ किया गया था। इसके साथ ही, उनकी सरकार ने कृषि क्षेत्र में निवेश को बढ़ावा देने और किसानों की वित्तीय स्थिति को बेहतर करने के लिए कई अन्य योजनाएं भी शुरू की।