कृषि मंडियों में गिरते दामों के बीच किसानों के लिए राहत की नई योजनाएं : सरकार का बड़ा कदम

By
On:
Follow Us

सब्जियों के दामों में भारी गिरावट

भारत में कृषि मंडियों में इस समय प्याज, आलू और टमाटर के दामों में भारी गिरावट देखने को मिल रही है। जहां पिछले कुछ हफ्तों से प्याज की कीमतों में गिरावट की खबरें आ रही थीं, वहीं अब आलू और टमाटर भी इस गिरावट की चपेट में आ गए हैं। कृषि मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, पिछले महीने से टमाटर के दामों में 56%, आलू में 28% और प्याज में 37% तक की गिरावट आई है। इसका सीधा असर किसानों की आय पर पड़ा है, क्योंकि उन्हें अपनी फसल कम दामों में बेचने को मजबूर होना पड़ रहा है हालांकि इस समय कृषि मंडियों में प्याज, आलू और टमाटर के दामों में गिरावट आई है, लेकिन सरकार की ओर से उठाए गए कदमों से उम्मीद जताई जा रही है कि भविष्य में किसानों को बेहतर दाम मिलेंगे। इसके साथ ही, किसानों को नई तकनीकी मदद, भंडारण सुविधाओं और बेहतर विपणन प्लेटफॉर्म के माध्यम से राहत मिलेगी। सरकार की योजनाओं के साथ-साथ किसानों को अपनी फसल की बेहतर प्रबंधन और योजना बनाने की आवश्यकता है ताकि वे कम दामों में फसल बेचने से बच सकें।

किसान परेशान , लेकिन राहत की उम्मीद

गिरते दामों के कारण किसान खासे परेशान हैं। आलू की कीमतों में भारी गिरावट के बाद किसानों को मजबूरी में अपनी फसल को कम दामों में बेचने की स्थिति का सामना करना पड़ रहा है। उदाहरण के तौर पर, हिमाचल प्रदेश की पीलमपुर मंडी में आलू का भाव 1700-1800 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि कर्नाटक की अरासीकेरे मंडी में यह 2000-6000 रुपये प्रति क्विंटल के बीच है। हरियाणा के मोहिंदरगढ़ में आलू 1400-1500 रुपये प्रति क्विंटल में बिक रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश के फतेहाबाद मंडी में आलू 1200-1600 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है।

प्याज के कीमतों में गिरावट

इसी तरह, प्याज की कीमतों में भी गिरावट देखी जा रही है। महाराष्ट्र की शेवगांव मंडी में प्याज के दाम 500-1500 रुपये प्रति क्विंटल हैं, जबकि हरियाणा की शाहाबाद मंडी में 2000-3000 रुपये, गुजरात की मेहसाणा मंडी में 1250-2600 रुपये और उत्तर प्रदेश की बलिया मंडी में प्याज के दाम 2170-2230 रुपये प्रति क्विंटल तक पहुंच गए हैं।

मंडियों में टमाटर के भाव

टमाटर के दामों में भी गिरावट आई है, जहां गुजरात की अंकलेश्वर मंडी में टमाटर 1000-1500 रुपये प्रति क्विंटल बिक रहा है, वहीं उत्तर प्रदेश की बड़ौत मंडी में यह 1600-1800 रुपये प्रति क्विंटल, पश्चिम बंगाल की बीरभूम मंडी में 1600-1800 रुपये और उत्तर प्रदेश की लखनऊ मंडी में 1400-1500 रुपये प्रति क्विंटल तक बिक रहा है।

सरकार ने उठाए कदम

कृषि मंत्रालय के अधिकारियों के अनुसार, सरकार किसानों के लाभ के लिए कई कदम उठा रही है। सरकार किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर अपनी फसल बेचने का मौका देने के लिए तत्पर है। इसके अलावा, मंडियों में फसल की बिक्री से होने वाली समस्याओं को दूर करने के लिए, सरकार भंडारण सुविधाओं को बढ़ाने, कृषि विपणन प्रणाली को सुधारने और किसानों को तकनीकी सहायता देने की दिशा में काम कर रही है।
कृषि मंत्रालय के अनुसार, सरकार किसानों के लिए भंडारण की सुविधाएं बढ़ाने पर ध्यान दे रही है, जिससे वे अपनी फसल को संकट के समय में भी सुरक्षित रख सकें और जब दाम अच्छे हों, तब अपनी फसल को बेच सकें। इसके साथ ही, किसान अब डिजिटल प्लेटफॉर्म पर भी अपनी फसल बेच सकते हैं, जिससे उन्हें मंडियों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। इससे किसानों के लिए लाभ का अवसर बढ़ेगा और वे अधिक पारदर्शिता के साथ अपनी फसल बेच सकेंगे।

उन्नत तकनीक और बेहतर कृषि प्रबंधन के तरीके अपनाएं

कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि यदि किसानों को उन्नत तकनीक और बेहतर कृषि प्रबंधन के तरीके अपनाने का अवसर मिले, तो भविष्य में वे अपने उत्पादों के दामों में वृद्धि देख सकते हैं। इसके अलावा, अगर किसानों को अपने उत्पादों को सही समय पर और उचित दाम पर बेचने की सुविधा मिलती है, तो उनकी आय में सुधार हो सकता है।
भारत सरकार ने किसानों के लिए कई योजनाएं लागू की हैं, जिनमें कृषि ऋण, बीमा योजनाएं, उर्वरक सब्सिडी और फसल सुरक्षा योजनाएं शामिल हैं। इन योजनाओं के माध्यम से किसानों को कृषि क्षेत्र में बेहतर सुविधाएं मिल रही हैं और भविष्य में वे अपने उत्पादों को बेहतर दामों पर बेचने में सक्षम होंगे।

For Feedback - patidarpatidar338@gmail.com

Related News

Leave a Comment

WhatsApp Group Link