कृषि मंडियों से आई ताजा रिपोर्ट के मुताबिक इस हफ्ते मंडी भाव में जबरदस्त उतार-चढ़ाव देखने को मिला है। जहां एक ओर गेहूं की कीमतों में जोरदार उछाल आया है, वहीं दूसरी ओर सरसों और दलहन की फसलों में गिरावट दर्ज की गई है। किसानों और व्यापारियों के लिए ये बदलाव काफी अहम माने जा रहे हैं, क्योंकि इससे खरीद-बिक्री पर सीधा असर पड़ेगा।
गेहूं के भाव में बड़ी तेजी
बीते कुछ दिनों में लगातार सप्लाई में कमी और डिमांड में इजाफे के कारण गेहूं के भाव में 80 से 120 रुपये प्रति क्विंटल तक की तेजी देखने को मिली है। कुछ प्रमुख मंडियों में तो गेहूं ₹2450 से ₹2850 प्रति क्विंटल तक बिकता देखा गया। यह तेजी मौजूदा स्टॉक और सरकारी खरीद की धीमी गति के चलते बनी है।
सरसों की कीमतों में गिरावट
सरसों की फसल के दामों में हल्की गिरावट दर्ज की गई है। कई मंडियों में सरसों ₹5100 से ₹5400 प्रति क्विंटल के बीच बिक रही है, जो पहले ₹5500 से ऊपर जा रही थी। एक्सपर्ट्स के मुताबिक अंतरराष्ट्रीय बाजार में तेल की कीमतों में गिरावट और मिलों की धीमी खरीदी की वजह से यह गिरावट आई है।
दलहन फसलों पर भी असर
चना, मसूर, तूअर जैसी दलहनी फसलों के दामों में भी गिरावट देखने को मिली है। चने की कीमतें ₹4800 से गिरकर ₹4500 प्रति क्विंटल के करीब पहुंच गई हैं, जबकि मसूर के भाव ₹5200 से ₹4900 तक लुढ़क गए। व्यापारियों का कहना है कि स्टॉक की भरमार और खरीदारों की कमजोर रुचि इसकी वजह हो सकती है।
किसानों के लिए क्या है संदेश?
इस समय किसानों को सलाह दी जा रही है कि वे मंडी में बेचने से पहले भाव की अच्छे से जांच कर लें। गेहूं की तेजी का लाभ उठाने का यह सही समय हो सकता है, वहीं सरसों और दलहन को कुछ समय स्टोर करके रखना बेहतर होगा जब तक भाव में सुधार न आ जाए।
भारत की मुख्य मंडियों में आज के सोयाबीन के भाव , देखें आज के ताजा भाव
सोयाबीन की फसल को सफेद मक्खी से बचाएं: बारिश में अपनाएं ये असरदार उपाय