भारत सरकार ने विपणन वर्ष 2025-26 के लिए गेहूं सहित कई रबी फसलों के न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) में बढ़ोतरी की घोषणा की है। यह कदम किसानों को फसल की उचित कीमत दिलाने और कृषि क्षेत्र को प्रोत्साहन देने के उद्देश्य से लिया गया है। इस साल गेहूं के MSP में 150 रुपये की वृद्धि की गई है, जिससे अब यह 2,425 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है। पिछले वर्ष यह कीमत 2,275 रुपये प्रति क्विंटल थी।
MSP में बढ़ोतरी क्यों?
केंद्र सरकार हर साल फसलों के MSP का निर्धारण कृषि लागत एवं मूल्य आयोग (CACP) की सिफारिशों के आधार पर करती है। इस बार MSP बढ़ाने का मुख्य उद्देश्य किसानों की आय में सुधार करना, उनकी लागत को कवर करना और उन्हें फसल बेचते समय अधिकतम लाभ प्रदान करना है। इससे किसानों में गेहूं सहित अन्य रबी फसलों की खेती के प्रति उत्साह बढ़ेगा और वे फसल की गुणवत्ता और उत्पादन को बेहतर बनाने के प्रयास करेंगे।
गेहूं के साथ अन्य रबी फसलों का MSP
गेहूं के अलावा, चना और सरसों जैसी अन्य रबी फसलों के MSP में भी वृद्धि की गई है। उदाहरण के लिए:
- चना का MSP 210 रुपये बढ़कर अब 5,650 रुपये प्रति क्विंटल हो गया है।
- सरसों का MSP 300 रुपये बढ़कर 5,950 रुपये प्रति क्विंटल कर दिया गया है।
इससे किसानों को विभिन्न फसलों की खेती में लाभ मिलेगा और वे फसलें बेचते समय सुनिश्चित कीमत प्राप्त कर सकेंगे।
बढ़ा हुआ MSP: किसान और कृषि पर प्रभाव
- कृषि में स्थिरता: बढ़ा हुआ MSP किसानों को उनकी लागत के अनुसार एक न्यूनतम मूल्य की गारंटी देता है। इससे कृषि क्षेत्र में स्थिरता बनी रहती है और किसानों को जोखिम कम होता है।
- फसल विविधता को बढ़ावा: चना, सरसों और अन्य फसलों के MSP में वृद्धि से किसान गेहूं के अलावा भी दूसरी फसलें उगाने के लिए प्रेरित होते हैं, जिससे फसल विविधता बढ़ती है।
- मुनाफे में वृद्धि: MSP बढ़ने से किसानों की आय में भी वृद्धि होती है, जो उनके आर्थिक सुधार में मदद करता है।
- फसल सुरक्षा और उत्पादन गुणवत्ता: MSP से मिलने वाले लाभ से किसान बेहतर बीज, खाद, और उर्वरकों का उपयोग कर सकते हैं, जिससे उत्पादन की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार होता है।
भविष्य में MSP का महत्व
बढ़े हुए MSP का असर न केवल किसानों की आर्थिक स्थिति पर पड़ेगा, बल्कि यह खाद्य सुरक्षा और ग्रामीण क्षेत्रों के विकास में भी सहायक होगा। MSP की यह नीति कृषि में निवेश को बढ़ावा देती है और किसानों को आत्मनिर्भर बनाने की दिशा में एक अहम कदम है।
इस प्रकार, गेहूं और अन्य रबी फसलों के लिए बढ़ा हुआ MSP किसानों के लिए एक सकारात्मक बदलाव है। यह उन्हें उनकी मेहनत का उचित मूल्य दिलाने के साथ-साथ कृषि क्षेत्र में आत्मनिर्भरता की ओर एक सशक्त कदम है।