केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में दिया आश्वासन
केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान ने राज्यसभा में प्रश्नकाल के दौरान किसानों के हित में बड़ा आश्वासन दिया। उन्होंने सदन को भरोसा दिलाते हुए कहा कि केंद्र सरकार किसानों की सभी फसलों को न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदेगी। इसके अतिरिक्त सरकार फसल उत्पादन लागत पर 50% से अधिक लाभ देने का अपना वादा पूर्ण कर रही है।
कृषि मंत्री की ओर से यह दावा उस समय आया है जब किसान अपनी मांगों को लेकर दिल्ली कूच को निकल चुके हैं। कृषि मंत्री ने यह भी कहा हैं कि “मेरे लिए किसान की सेवा, भगवान की सेवा के बराबर है।”
किसानों के लिए MSP की गारंटी
केंद्रीय कृषि मंत्री श्री चौहान ने कहा, “यह मोदी सरकार है, और यहां किए गए वादों को पूरा करना हमारी प्राथमिकता है। किसानों की हर फसल को MSP पर खरीदा जाएगा।केंद्रीय कृषि मंत्री ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा कि कांग्रेस सरकार MS स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों को लागू करने में असफल रहीं।
फसलों का नया और पूर्व का न्यूनतम समर्थन मूल्य
केंद्र सरकार ने रबी सीजन 2025-26 के लिए छह प्रमुख फसलों की MSP दरों में बढ़ोतरी की है। इसमें गेहूं, जौ, चना, मसूर, सरसों और कुसुम की MSP को संशोधित किया गया है। उदाहरण के लिए:
- गेहूं: 150 रुपए की वृद्धि के साथ 2275 रुपए से अभी 2425 रुपए प्रति क्विंटल
- जौ: 130 रुपए की वृद्धि के साथ 1850 रुपए से अब 1980 रुपए प्रति क्विंटल
- चना: 210 रुपए की वृद्धि के साथ 5440 रुपए से अब 5650 रुपए प्रति क्विंटल
- मसूर: 275 रुपए की वृद्धि के साथ 6425 रुपए से अब 6700 रुपए प्रति क्विंटल
- सरसों: 300 रुपए की वृद्धि के साथ 5650 रुपए से अब 5950 रुपए प्रति क्विंटल
- कुसुम: 140 रुपए की वृद्धि के साथ 5800 रुपए से अब 5940 रुपए प्रति क्विंटल
न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) कैसे निर्धारित की जाती हैं??
केंद्र सरकार की ओर से प्रत्येक वर्ष रबी व खरीफ सीजन में फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य(MSP) तय की जाती है।सरकार फसलों की MSP उनकी उत्पादन लागत के आधार पर तय करती है। इसमें किसानों की लागत जैसे श्रम, बीज, खाद, सिंचाई शुल्क, डीजल, और पारिवारिक श्रम की कीमत शामिल होती है। इसके अलावा, उत्पादन लागत पर 50% का लाभ सुनिश्चित किया जाता है।
कर्ज माफी पर सरकार का निर्णय
कर्ज माफी पर बोलते हुए कृषि मंत्री ने कहा कि मोदी सरकार किसानों की आय बढ़ाने के लिए संरचनात्मक सुधारों पर काम कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना, प्राकृतिक खेती और कृषि का विविधीकरण जैसे उपायों से किसानों को बार-बार कर्ज माफी की जरूरत नहीं पड़ेगी।