राष्ट्रीय किसान दिवस पर प्रमुख योजनाएं..
भारत में हर साल 23 दिसंबर को किसान दिवस (राष्ट्रीय किसान दिवस) मनाया जाता है। यह दिन भारत के कृषि क्षेत्र को आकार देने वाले किसानों की अथक मेहनत और योगदान को सम्मानित करने के लिए समर्पित है। यह तारीख भारत के पांचवें प्रधानमंत्री, चौधरी चरण सिंह की जयंती को चिह्नित करती है, जो किसानों के अधिकारों और उनकी समस्याओं के समाधान के प्रति समर्पित थे। उनकी नीतियों ने भारत में आधुनिक कृषि सुधारों की नींव रखी, जिससे उन्हें “किसानों का चैंपियन” कहा गया।
भारत सरकार चौधरी चरण सिंह की जयंती किसानों को सशक्त बनाने के लिए मनाती है। विभिन्न योजनाओं और पहलों के द्वारा से किसानों को वित्तीय सुरक्षा, बीमा, और सतत कृषि विकास प्रदान किया जा रहा है।
चौधरी चरण सिंह का योगदान
चौधरी चरण सिंह ने कृषि और किसानों के उत्थान के लिए कई ऐतिहासिक पहल कीं। 1939 में पेश किया गया उनका कर्ज मुक्ति विधेयक (Debt Redemption Bill) किसानों को साहूकारों के चंगुल से बचाने का प्रयास था। उत्तर प्रदेश में उनकी भूमि सुधार नीतियों ने कृषि क्षेत्र में बड़े बदलाव लाए। 2001 में, उनकी विरासत का सम्मान करते हुए भारत सरकार ने 23 दिसंबर को किसान दिवस के रूप में घोषित किया। यह दिन किसानों की कड़ी मेहनत और उनकी समृद्धि के लिए सरकार की प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
राष्ट्रीय किसान दिवस 2024 का विषय
इस वर्ष किसान दिवस की थीम है: “समृद्ध राष्ट्र के लिए अन्नदाता का सशक्तिकरण”।
इस थीम का उद्देश्य किसानों को ऐसे संसाधन और अवसर प्रदान करना है जो उन्हें जलवायु परिवर्तन, आधुनिक तकनीकों और उचित मूल्य निर्धारण जैसी चुनौतियों का सामना करने में सक्षम बनाएं।
राष्ट्रीय किसान दिवस: अन्नदाताओं का सम्मान और समृद्ध भारत का निर्माण
राष्ट्रीय किसान दिवस हर साल 23 दिसंबर को हमारे अन्नदाताओं की अद्वितीय भूमिका और योगदान को सम्मानित करने के लिए मनाया जाता है। किसान न केवल देश की खाद्य सुरक्षा के स्तंभ हैं, बल्कि भारत की समृद्धि और ग्रामीण अर्थव्यवस्था की नींव भी हैं। उनकी कड़ी मेहनत और समर्पण से हमारा पेट भरता है और देश का विकास संभव होता है।
यह दिन भारत के पांचवें प्रधानमंत्री चौधरी चरण सिंह की जयंती के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। चौधरी चरण सिंह ने किसानों के कल्याण के लिए कई दूरदर्शी नीतियां और सुधार किए, जो आज भी प्रासंगिक हैं। उन्होंने कृषि को प्राथमिकता दी और ग्रामीण समस्याओं को हल करने के लिए लगातार प्रयास किए।
किसान दिवस हमें यह याद दिलाता है कि एक सशक्त किसान ही एक सशक्त और समृद्ध राष्ट्र का निर्माण कर सकता है। यह अवसर उनके परिश्रम और योगदान के प्रति कृतज्ञता व्यक्त करने का है, जो भारत के भविष्य को उज्ज्वल बनाते हैं।
भारतीय किसानों का योगदान
भारत का कृषि क्षेत्र न केवल देश की लगभग आधी आबादी को रोजगार प्रदान करता है, बल्कि यह GDP का 17.7% भी योगदान देता है। 2023-24 में, देश ने 332.2 मिलियन टन अनाज उत्पादन का रिकॉर्ड बनाया, जो किसानों की मेहनत और नवाचार का प्रमाण है। किसान केवल फसल उत्पादन तक सीमित नहीं हैं; वे ग्रामीण विकास, खाद्य सुरक्षा, और लाखों लोगों की आजीविका का आधार हैं।
किसानों के लिए प्रमुख सरकारी योजनाएं
भारत सरकार ने किसानों के सामाजिक और आर्थिक उत्थान के लिए कई योजनाएं शुरू की हैं। इनमें से कुछ प्रमुख योजनाएं हैं:
(1) प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि (PM-KISAN)
- 2019 में शुरू की गई यह योजना किसानों को हर साल ₹6,000 की वित्तीय सहायता प्रदान करती है।
- यह राशि तीन किस्तों में सीधे किसानों के बैंक खातों में ट्रांसफर की जाती है।
- अब तक 11 करोड़ से अधिक किसान इस योजना का लाभ उठा चुके हैं, और ₹3.46 लाख करोड़ वितरित किए जा चुके हैं।
(2) प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY)
- 2016 में शुरू की गई यह योजना प्राकृतिक आपदाओं से फसल के नुकसान के लिए सस्ती बीमा सुविधा प्रदान करती है।अब तक 68.85 करोड़ किसान आवेदन इस योजना से लाभान्वित हुए हैं, और ₹1.65 लाख करोड़ का दावा निपटान किया गया है।
(3) प्रधानमंत्री किसान मानधन योजना (PM-KMY)
- 2019 में लॉन्च यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को 60 वर्ष की उम्र के बाद मासिक पेंशन प्रदान करती है।
- अब तक 24.66 लाख किसान इस योजना से जुड़े हैं।
(4) संशोधित ब्याज सबवेंशन योजना (MISS)
- इस योजना के तहत किसानों को ₹3 लाख तक के अल्पकालिक कृषि ऋण 7% ब्याज दर पर दिया जाता है।
- समय पर ऋण चुकाने पर 3% अतिरिक्त छूट दी जाती है, जिससे प्रभावी ब्याज दर केवल 4% रह जाती है।
(5) प्रधानमंत्री किसान मान-धन योजना (PM-KMY)
- 2019 में शुरू की गई यह योजना छोटे और सीमांत किसानों को 60 वर्ष की आयु के बाद मासिक पेंशन प्रदान करती है। अब तक 24.66 लाख से अधिक किसान इस योजना से जुड़ चुके हैं।2023-24 में, कृषि क्षेत्र के लिए संस्थागत ऋण प्रवाह ₹25.48 लाख करोड़ तक पहुंचा।
(6) कृषि अवसंरचना कोष (AIF)
- 2020 में शुरू की गई इस योजना के तहत कोल्ड स्टोरेज और प्रसंस्करण इकाइयों जैसी परियोजनाओं के लिए वित्तीय सहायता दी जाती है।
- नवंबर 2024 तक 84,333 परियोजनाओं को ₹51,448 करोड़ मंजूर किए गए।
(7) किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)
- 1998 से यह योजना किसानों को उनकी कृषि जरूरतों के लिए आसान ऋण प्रदान करती है।
- 2019 में इसे पशुपालन और मत्स्य पालन क्षेत्र तक विस्तारित किया गया।
- मार्च 2024 तक 7.75 करोड़ किसान इस योजना का लाभ उठा रहे हैं।
कृषि के आधुनिकीकरण के लिए पहल
सरकार ने कृषि को अधिक उत्पादक और लाभकारी बनाने के लिए कई आधुनिक पहल की हैं:
- नमो ड्रोन दीदी योजना: महिला स्वयं सहायता समूहों को ड्रोन तकनीक अपनाने के लिए प्रोत्साहन।
- मृदा स्वास्थ्य कार्ड योजना: उर्वरकों के उचित उपयोग के लिए 24.6 करोड़ मृदा स्वास्थ्य कार्ड जारी किए गए।
- किसान उत्पादक संगठन (FPO): 10,000 FPOs की स्थापना के लिए ₹6,865 करोड़ का बजट।
- डिजिटल कृषि मिशन: कृषि को डिजिटल रूप से सशक्त बनाने के लिए ₹2,817 करोड़ का प्रावधान।
- क्लीन प्लांट प्रोग्राम: बागवानी में रोग-मुक्त पौध सामग्री सुनिश्चित करने के लिए एक अभिनव पहल।
- किसान कवच बॉडीसूट: किसानों को कीटनाशकों से बचाने के लिए सुरक्षात्मक सूट।
भारत के अन्नदाताओं को समर्पित सम्मान
किसान दिवस, भारत की खाद्य सुरक्षा और आर्थिक प्रगति में किसानों की अमूल्य भूमिका का प्रतीक है। यह दिन न केवल उनके परिश्रम और समर्पण का स्मरण कराता है, बल्कि कृषि क्षेत्र को सशक्त बनाने की दिशा में सरकार की प्रतिबद्धता को भी रेखांकित करता है।विभिन्न योजनाओं के माध्यम से, सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि किसान केवल आत्मनिर्भर ही नहीं, बल्कि आर्थिक और तकनीकी रूप से भी मजबूत बनें।नवाचार, तकनीक और एक मजबूत समर्थन प्रणाली के साथ, भारत अपने किसानों को नई ऊंचाइयों पर ले जाने के लिए प्रयासरत है। ये पहल न केवल किसानों के जीवन को बेहतर बना रही हैं, बल्कि आने वाली पीढ़ियों के लिए एक उज्ज्वल और समृद्ध भविष्य का मार्ग भी प्रशस्त कर रही हैं।