जनवरी महीने में मौसम विभाग का पूर्वानुमान
भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने जनवरी 2025 के लिए मौसम का पूर्वानुमान जारी किया है, जिसमें देश भर में तापमान और वर्षा के संबंध में महत्वपूर्ण जानकारी दी गई है। मौसम विभाग के अनुसार, इस बार जनवरी में देश के अधिकांश हिस्सों में ठंड कम रहने की संभावना है, जबकि कई क्षेत्रों में सामान्य से अधिक वर्षा हो सकती है।जनवरी 2025 के दौरान देश भर में ठंड में कमी और वर्षा में वृद्धि की संभावना जताई जा रही है, जो विभिन्न कृषि गतिविधियों के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है।जनवरी 2025 का मौसम सामान्य से अधिक बारिश और कम ठंड के साथ होगा, जो कृषि और जलवायु परिस्थितियों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डाल सकता है।किसानों को इस मौसम को ध्यान में रखते हुए अपने कार्यों की योजना बनानी चाहिए।
ठंड का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, जनवरी 2025 में अधिकांश क्षेत्रों में न्यूनतम तापमान सामान्य से अधिक रहने की संभावना है। इसका मतलब है कि इस बार ठंड कुछ कम हो सकती है। हालांकि, उत्तर-पश्चिम, उत्तर-मध्य और पूर्वी भारत के कुछ हिस्सों में सामान्य से कम ठंड महसूस हो सकती है।
- मध्य भारत के पश्चिमी और उत्तरी हिस्से में शीत लहर की स्थिति बनी रह सकती है।
- पूर्वोत्तर भारत और उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों में ठंड में कमी महसूस हो सकती है।
- शीतलहर के प्रभाव से उत्तर-पूर्वी राज्यों जैसे बिहार, उत्तर प्रदेश और मध्य भारत में रात के तापमान में गिरावट का सामना किया जा सकता है।
बारिश का पूर्वानुमान
जनवरी 2025 के दौरान उत्तर भारत के कई राज्यों जैसे उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर और लद्दाख में वर्षा सामान्य से अधिक होने की संभावना है। देश भर में औसतन 118% वर्षा हो सकती है, जो सामान्य से अधिक है। विशेष रूप से केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, झारखंड, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल और पूर्वी मध्य प्रदेश में अधिक बारिश हो सकती है हालांकि, उत्तर-पश्चिम भारत के कुछ हिस्सों, मध्य भारत और पूर्वोत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में वर्षा सामान्य से कम रहने की संभावना है।
- उत्तर भारत के सात मौसम संबंधी उपखंडों (पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू कश्मीर, और लद्दाख) में जनवरी के महीने में वर्षा 122% तक सामान्य से अधिक हो सकती है।
- दक्षिण भारत के कई राज्य जैसे केरल, तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश, तेलंगाना, उड़ीसा, झारखंड, पश्चिम बंगाल, छत्तीसगढ़ और पूर्वी मध्य प्रदेश में भी बारिश सामान्य से अधिक हो सकती है।
जनवरी से मार्च तक का पूर्वानुमान
मौसम विभाग के अनुसार, जनवरी से मार्च 2025 तक देश भर में सामान्य से अधिक वर्षा की संभावना है। हालांकि, उत्तर भारत के कुछ क्षेत्रों में वर्षा सामान्य से कम हो सकती है।मौसम विभाग ने यह भी बताया कि जनवरी से मार्च तक पूरे देश में वर्षा का औसत 88-112% के बीच रह सकता है, जो किसानों के लिए एक राहत भरी खबर हो सकती है।
- पूरे देश में वर्षा का औसत 88-112% रहने की संभावना है।
- उत्तर भारत के सात उपखंडों (पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिमी उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, हरियाणा, पंजाब, हिमाचल प्रदेश, जम्मू और कश्मीर, और लद्दाख) में वर्षा सामान्य से कम होने की संभावना है।
- संपूर्ण दक्षिण भारत, पश्चिमी भारत और मध्य भारत के कुछ हिस्सों में वर्षा सामान्य से अधिक रहने की संभावना है।
मौसम का कृषि पर प्रभाव
- कृषि क्षेत्र में वर्षा का सीधा असर पड़ता है, खासकर रबी फसलों पर, जो जनवरी और फरवरी में अपनी पूरी वृद्धि में होती हैं। यदि वर्षा सामान्य से अधिक होती है तो यह फसलों के लिए लाभकारी हो सकती है, लेकिन अगर अत्यधिक बारिश होती है तो जलभराव और फसल क्षति का खतरा भी बढ़ सकता है।
- ठंड में कमी का असर कुछ क्षेत्रों में कृषि की गति को बढ़ा सकता है, लेकिन शीत लहर वाले क्षेत्रों में फसलों को नुकसान होने की संभावना रहती है।
- जलवायु परिवर्तन के कारण भारत में वर्षा का वितरण असमान हो सकता है, जिससे कुछ क्षेत्रों में पानी की कमी हो सकती है, जो सिंचाई की आवश्यकता को बढ़ा सकता है।