जैविक खेती : किसान लेखराम यादव ने जैविक खेती से की सालाना 17 करोड़ रुपये से अधिक की कमाई

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जैविक खेती क्यों हैं जरूरी??

आजकल की कृषि दुनिया में जैविक खेती तेजी से एक महत्वपूर्ण और लाभकारी विकल्प के रूप में उभर रही है। पारंपरिक खेती से लेकर उन्नत तकनीकों तक, जैविक खेती ने न केवल पर्यावरण को बचाने का काम किया है, बल्कि किसानों के लिए भी फायदे का सौदा साबित हो रही है।

क्या है जैविक खेती?

जैविक खेती एक ऐसी खेती पद्धति है, जिसमें रासायनिक खाद और कीटनाशकों का उपयोग नहीं किया जाता। इसके बजाय, प्राकृतिक उर्वरकों, जैविक कीटनाशकों और कम्पोस्ट का उपयोग किया जाता है। इस प्रकार की खेती में मृदा के स्वास्थ्य को बनाए रखा जाता है और पर्यावरण पर न्यूनतम प्रभाव पड़ता है।

भारत में जैविक खेती का विकास

भारत में जैविक खेती का प्रचलन पिछले कुछ वर्षों में तेजी से बढ़ा है। विभिन्न राज्यों में किसान जैविक उत्पादों की खेती कर रहे हैं और न केवल घरेलू बाजार में, बल्कि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भी अपनी उपज बेच रहे हैं। उत्तराखंड, हिमाचल प्रदेश, राजस्थान और केरल जैसे राज्यों में जैविक खेती को बढ़ावा दिया जा रहा है।

जैविक खेती में किसान लेखराम यादव को मिली सफलता

राजस्थान के कोटपूतली क्षेत्र के लेखराम यादव आज जैविक खेती के क्षेत्र में एक प्रेरणादायक नाम बन चुके हैं। उन्होंने अपनी यात्रा 120 एकड़ से शुरू की थी, लेकिन आज वह 550 एकड़ से अधिक क्षेत्र में जैविक खेती कर रहे हैं। उनकी मेहनत और समर्पण का परिणाम यह है कि उनका वार्षिक टर्नओवर 17 करोड़ रुपए के पार पहुंच चुका है।
लेखराम यादव की खेती की शुरुआत एक साधारण विचार से हुई थी, जब एक महिला क्वालिटी मैनेजर के शब्दों ने उन्हें सोचने पर मजबूर किया। जब उन्होंने जैविक खेती करने का निर्णय लिया, तो शुरुआत में उन्हें कई मुश्किलों का सामना करना पड़ा। लेकिन यूट्यूब पर जैविक खेती और उन्नत तकनीकों के वीडियो देखकर उन्होंने ताराचंद बेलजी तकनीक (TCBT) को अपनाया। इसके बाद उन्होंने वृक्षायुर्वेद का फार्मूला भी अपनाया, जिससे उनकी फसलों में अप्रत्याशित रूप से सुधार हुआ।

नवाचार और खेती में विविधता

लेखराम यादव ने अपनी खेती में विविधता को प्राथमिकता दी और विभिन्न प्रकार की सिजनल फसलों के साथ-साथ मसालों की खेती भी शुरू की। उनके खेतों में गेहूं, चना, सरसों, बाजरा, जीरा, कस्तूरी मेंथी और मिर्च जैसी फसलें उगाई जाती हैं। इन फसलों की पैदावार बढ़ी और लेखराम यादव ने इसके उत्पादन को बड़े पैमाने पर बढ़ाया।
लेखराम यादव की कड़ी मेहनत और नवाचार को मान्यता मिली है। हाल ही में उन्हें “मिलियनेयर ऑर्गेनिक फार्मर ऑफ इंडिया” के राष्ट्रीय पुरस्कार से नवाजा गया।

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