हरियाणा में ओलावृष्टि से फसलों को नुकसान, सरकार ने किया मुआवजे के लिए सर्वेक्षण का ऐलान

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हरियाणा के कई जिलों में ओले गिरने से फसलों को नुकसान

हरियाणा के फतेहाबाद, हिसार, भिवानी और जींद जिलों में ओलावृष्टि के कारण रबी की फसलों, खासकर गेहूं और सरसों को हुए नुकसान पर सरकार ने त्वरित कार्रवाई का ऐलान किया है। मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने अधिकारियों को निर्देश दिया है कि प्रभावित क्षेत्रों का सर्वेक्षण जल्द पूरा किया जाए और किसानों को समय पर मुआवजा प्रदान किया जाए।

सर्वेक्षण के लिए विशेष टीमें गठित

राज्य सरकार ने फसल नुकसान का आकलन करने के लिए विशेष टीमें गठित की हैं। कृषि विभाग के सचिव ने कहा कि प्रभावित क्षेत्रों के किसानों को जल्द राहत पहुंचाने के लिए रिपोर्ट तैयार की जा रही है। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सभी प्रभावित किसानों को उनके नुकसान की भरपाई उचित मुआवजे के रूप में की जाएगी।

विशेषज्ञों का कहना: बारिश फायदेमंद, ओलावृष्टि चिंता का विषय

चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डॉ. ओपी बिश्नोई ने कहा कि सरसों की फसल को कुछ नुकसान हुआ है, लेकिन गेहूं की फसल को बहुत अधिक नुकसान का खतरा नहीं है। उन्होंने बताया कि बारिश से मिट्टी में नमी बढ़ी है, जो फसलों के लिए लाभदायक है।
ओलावृष्टि का सबसे ज्यादा असर फतेहाबाद जिले के ढांगर, बिगर, सालमखेड़ा, बड़ोपल, मोहम्मदपुर रोही, भिरडाना, बिस्ला, बरसीन माजरा, ढाणी माजरा, झलानिया और जांडली खुर्द जैसे गांवों में देखा गया। इन क्षेत्रों में बारिश ने शुरुआत में किसानों के चेहरे पर खुशी ला दी थी, क्योंकि यह मिट्टी और फसलों की नमी और सिंचाई की जरूरतें पूरी करने के लिए उपयुक्त थी। लेकिन अचानक हुई ओलावृष्टि ने इन उम्मीदों पर पानी फेरते हुए फसलों को भारी नुकसान पहुंचाया।

ग्राम स्वराज किसान मोर्चा ने जताई संतुष्टि

जिले में दोपहर तक 12 मिमी बारिश दर्ज की गई थी, जिसके बाद बारिश का सिलसिला जारी रहा। चौधरी चरण सिंह हरियाणा कृषि विश्वविद्यालय के कृषि विशेषज्ञ डॉ. ओपी बिश्नोई के अनुसार, सरसों की फसल को मामूली नुकसान हुआ है, लेकिन गेहूं की फसल पर अधिक प्रभाव पड़ने की संभावना नहीं है। उन्होंने यह भी कहा कि बारिश से मिट्टी में नमी बढ़ी है, जो फसलों के लिए फायदेमंद साबित हो सकती हैग्राम स्वराज किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष जोगेंद्र तालु ने सरकार की त्वरित प्रतिक्रिया की सराहना की और उम्मीद जताई कि मुआवजे की प्रक्रिया पारदर्शी और समयबद्ध होगी। उन्होंने कहा, “यह कदम किसानों को संकट के समय में राहत देने में मदद करेगा।”

नुकसान की भरपाई के लिए विशेष योजना पर विचार

सरकार ने यह भी संकेत दिया है कि प्राकृतिक आपदाओं से होने वाले फसल नुकसान की भरपाई के लिए नई योजनाओं पर विचार किया जा रहा है, जिससे किसानों को भविष्य में अधिक सहायता मिल सके।सरकार ने घोषणा की है कि 15 दिनों के भीतर सर्वेक्षण की प्रक्रिया पूरी कर ली जाएगी और मुआवजा वितरण शुरू हो जाएगा। किसानों को सुझाव दिया गया है कि वे अपने फसल नुकसान की जानकारी स्थानीय प्रशासन को तुरंत दें।

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