दुनिया की सबसे बड़ी तिजोरी : भविष्य के लिए कृषि का अनमोल खजाना

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भविष्य के लिए रखा हैं कृषि का अनमोल खजाना

भविष्य में किसी भी तरह की प्राकृतिक आपदा या संकट की स्थिति में कृषि का अस्तित्व संकट में पड़ सकता है। यह मानते हुए, वैज्ञानिकों ने एक अहम कदम उठाया है और दुनिया भर की फसलों के बीजों को संरक्षित करने के लिए एक विशेष भंडारगृह तैयार किया है, ताकि आने वाली पीढ़ियों को खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके। अनाज और फसलें इंसान के जीवन का अभिन्न हिस्सा हैं, और इनकी उपज पर निर्भर मानवता के अस्तित्व को सुरक्षित रखने के लिए यह प्रयास किया गया है।वैश्विक खाद्य सुरक्षा और कृषि विविधता के संरक्षण के उद्देश्य से स्थापित स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे सुरक्षित बीज तिजोरी है, जो भविष्य में कृषि संकटों और आपदाओं से निपटने के लिए एक अहम कदम साबित हो सकती है। इस अनूठी तिजोरी में विश्व भर के 4.5 मिलियन से अधिक फसलों के बीज संरक्षित हैं, जो आने वाली पीढ़ियों को कृषि और खाद्य सुरक्षा प्रदान करने का आश्वासन देते हैं।स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट न केवल आज की पीढ़ी के लिए, बल्कि भविष्य की पीढ़ियों के लिए भी एक अमूल्य धरोहर है। यह तिजोरी प्राकृतिक आपदाओं, जलवायु परिवर्तन और अन्य संकटों के बावजूद, वैश्विक खाद्य सुरक्षा सुनिश्चित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। भारत जैसे देशों का इस तिजोरी में योगदान, वैश्विक कृषि समृद्धि के लिए एक उम्मीद की किरण है।

स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट क्या हैं??

विशेष बीज भंडारगृह का नाम है स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट (Svalbard Global Seed Vault)। यह एक अत्याधुनिक संरचना है, जो नॉर्वे के स्वालबार्ड द्वीप समूह में स्थित है, और यहां दुनियाभर की फसलों के लगभग सभी प्रमुख बीजों का संग्रह किया गया है। इन बीजों का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि अगर भविष्य में किसी कारणवश वैश्विक स्तर पर खाद्य संकट उत्पन्न हो या प्राकृतिक आपदाएं फसलों को नष्ट कर दें, तो इन संरक्षित बीजों से कृषि उत्पादन को फिर से शुरू किया जा सके।स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट का निर्माण 2008 में नार्वे के स्वालबार्ड द्वीप समूह में किया गया था। यह बीज तिजोरी एक पहाड़ के अंदर 100 मीटर की गहराई में स्थित है, जहां ठंडी और स्थिर तापमान (4 से 5 डिग्री सेल्सियस) में बीजों को सुरक्षित रखा जाता है। इसे “डूम्सडे वॉल्ट” भी कहा जाता है, क्योंकि यह वैश्विक आपदा या जलवायु संकट के समय मानवता के लिए एक खाद्य सुरक्षा का उपाय हो सकता है।

खाद्य सुरक्षा और जलवायु परिवर्तन के लिए महत्वपूर्ण हैं ये वॉल्ट

स्वालबार्ड ग्लोबल सीड वॉल्ट का महत्व अब और भी बढ़ गया है, क्योंकि दुनिया भर में जलवायु परिवर्तन, प्राकृतिक आपदाओं, और युद्धों के कारण कृषि संकट बढ़ रहे हैं। इस तिजोरी में संरक्षित बीज न केवल फसलों की जैव विविधता को बचाए रखते हैं, बल्कि खाद्य सुरक्षा के एक महत्वपूर्ण स्रोत के रूप में भी कार्य करते हैं। आने वाले समय में, जब कोई बड़ी आपदा होगी, तो इन बीजों से पुनः कृषि उत्पादन को संभव बनाया जा सकता है।

कृषि जैव विविधता का खजाना

इस तिजोरी को दुनिया की सबसे बड़ी कृषि जैव विविधता का संग्रह माना जाता है, जिसमें 13,000 साल का कृषि इतिहास समाहित है। यहाँ पर दुनिया भर की फसलों के बीज संरक्षित हैं, और यह सुनिश्चित करता है कि अगर किसी कारणवश किसी क्षेत्र की फसलें नष्ट हो जाएं, तो इन बीजों से पुनर्निर्माण संभव हो सके।

भारत का योगदान

भारत ने भी इस बीज तिजोरी में अपने बहुमूल्य फसलों के बीज संरक्षित किए हैं। वॉल्ट में कुल संरक्षित बीजों का 15% हिस्सा भारत का है। यह भारत की कृषि विविधता और किसानों के लिए एक महत्त्वपूर्ण कदम है, क्योंकि इन बीजों से किसी भी आपदा या संकट के समय कृषि उत्पादन को बहाल किया जा सकता है। इसके अलावा, मेक्सिको और अमेरिका ने भी अपनी फसलों के बीजों का योगदान दिया है, जिससे वैश्विक खाद्य सुरक्षा को मजबूती मिलती है।

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