देपालपुर में चाइना लहसुन एवं घोड़ा रोज के खिलाफ किसानों ने किया प्रदर्शन
संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर मंगलवार को देपालपुर में किसानों ने चीन के लहसुन और घोड़ा रोज/जंगली सूअरों की समस्या को लेकर जोरदार प्रदर्शन किया। किसानों ने तहसील कार्यालय के सामने एसडीएम श्री रवि वर्मा को प्रधानमंत्री के नाम ज्ञापन सौंपते हुए इन समस्याओं के समाधान की मांग की।प्रदर्शन में देपालपुर तहसील के विभिन्न गांवों के सैकड़ों किसान शामिल हुए, जिनका नेतृत्व श्री रामस्वरूप मंत्री, श्री बबलू जाधव, श्री चंदन सिंह बड़वाया, श्री शैलेंद्र पटेल, श्री आशीष पटेल समेत कई किसान नेताओं ने किया। किसानों ने ज्ञापन में बताया कि चीन के लहसुन की बिचौलियों द्वारा भारत में अवैध रूप से बिक्री के कारण स्थानीय मंडियों में लहसुन के दाम गिर गए हैं। इसका असर यह हो रहा है कि मालवांचल का लहसुन, जिसकी देशभर में उच्च मांग है, उसे उचित मूल्य नहीं मिल पा रहा है।
चाइना लहसुन और जंगली सूअरों की समस्या
किसानों ने बताया कि चीन के लहसुन का अवैध आयात अफगानिस्तान, नेपाल, बांग्लादेश और ईरान के रास्तों से किया जा रहा है, जबकि भारत में इसे आयात करने पर प्रतिबंध है। यह स्थिति किसानों के लिए घाटे का सौदा बन चुकी है, क्योंकि वे अपने उत्पादन को सही मूल्य पर नहीं बेच पा रहे हैं।
इसके अलावा, मालवा-निमाड़ क्षेत्र में जंगली सूअर और घोड़ा रोज की समस्याएं भी किसानों के लिए गंभीर संकट बनी हुई हैं। ये दोनों जानवर किसानों की फसलों को बर्बाद कर रहे हैं और उनके साथ-साथ इंसानों के लिए भी जान-माल का खतरा पैदा कर रहे हैं।
पूर्व में भी हुआ था विरोध प्रदर्शन
संयुक्त किसान मोर्चा ने एक साल पहले भी इस समस्या को लेकर विरोध प्रदर्शन किया था, लेकिन सरकार द्वारा अब तक कोई ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं, जिससे किसानों में आक्रोश बढ़ गया है। प्रदर्शनकारियों ने सरकार से चेतावनी दी कि अगर इन समस्याओं का शीघ्र समाधान नहीं किया गया, तो संयुक्त किसान मोर्चा बड़ा आंदोलन करेगा, जिसकी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन की होगी।
किसानों की चेतावनी : बड़ा आंदोलन होगा यदि नहीं मिला समाधान
किसानों ने इस समस्या का समाधान शीघ्र होने की उम्मीद जताते हुए कहा कि यदि चीन के लहसुन की बिक्री बंद नहीं की गई और जंगली सूअरों एवं घोड़ा रोज से निपटने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो वे आने वाले दिनों में बड़ा आंदोलन करेंगे। उन्होंने इस आंदोलन की पूरी जिम्मेदारी शासन-प्रशासन पर डालते हुए सरकार से तत्काल समाधान की मांग की।
प्रदर्शन में कई प्रमुख किसान नेता और स्थानीय किसान शामिल थे, जिनमें बलदेव सरपंच, सतीश पटेल, ओम प्रकाश दयाल, प्रवीण ठाकुर, अर्जुन सांखला, गोकुल गहलोत, हरिओम सोलंकी, अंकित पटेल, देवकरण मकवाना, गिरीश पटेल, पवन पटेल समेत अन्य किसान नेता शामिल थे।
किसानों ने इस मुद्दे पर अपना गुस्सा जाहिर करते हुए कहा कि अगर समय रहते सरकार और मिल अधिकारियों ने इस पर ध्यान नहीं दिया, तो आने वाले समय में किसानों के लिए स्थिति और भी खराब हो सकती है।