जानिए , यूरिया के साथ इस उर्वरक के प्रयोग से फसल पर क्या होगा प्रभाव??
किसान द्वारा कई विभिन्न प्रकार की फसलों की खेती की जाती हैं।किसान फसल की वृद्धि के लिए खाद एवं उर्वरकों का प्रयोग करते हैं।हमारे देश में फसलों में उर्वरक के रूप में सबसे अधिक यूरिया का प्रयोग किया जाता हैं।किसान भाइयों का मानना हैं कि फसल में यूरिया का प्रयोग करने से अधिक उपज प्राप्त होती हैं जबकि यूरिया का अधिक मात्रा में उपयोग फसल को जहरीला कर देता हैं।किसान भाई को अपनी फसल में यूरिया की संतुलित मात्रा का प्रयोग करना चाहिए।वर्तमान में नैनो यूरिया जो द्रव रूप में आता हैं वह काफी लोकप्रिय हो रहा हैं।कई किसानों द्वारा नैनो यूरिया का प्रयोग करने से पैदावार में कमी आई और फसल की उपज 2 क्विंटल तक कम हो गई।इसके संबंध में पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी के शोध के अनुसार नैनो यूरिया पर किए गए शोध के परिणाम नकारात्मक आए हैं।पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PAU) के एक शोध के अनुसार नैनो यूरिया के प्रयोग से खेती की लागत में वृद्धि , फसल की उपज पर नकारात्मक प्रभाव और प्रोटीन सामग्री में उल्लेखनीय कमी आदि को बताया गया हैं।किसान भाई फसल की अच्छी पैदावार के लिए यूरिया के साथ कभी भी किसी प्रकार के अन्य उर्वरकों का प्रयोग नहीं करें जो यूरिया के स्थान पर प्रयोग किया जाता हो।आइए , यूरिया और नैनो यूरिया के प्रयोग से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।
यूरिया के साथ किस उर्वरक का प्रयोग ना करें??
फसलों में नैनो यूरिया के प्रयोग के संबंध में हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से विकसित भारत संकल्प यात्रा के लाभार्थियों से चर्चा की।इस कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने प्राकृतिक खेती के चलन पर चर्चा करते हुए कहा कि किसान रासायनिक उर्वरकों का प्रयोग निश्चित मात्रा में करें।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि किसान भाई यूरिया के साथ नैनो यूरिया का प्रयोग ना करें।इसके स्थान पर सिर्फ नैनो यूरिया का ही प्रयोग करें।यूरिया के साथ नैनो यूरिया का प्रयोग करने से उपज में कमी आती हैं।
जो किसान भाई अपनी फसल में नैनो यूरिया का प्रयोग कर रहे हैं वे नैनो यूरिया के साथ यूरिया का प्रयोग ना करें।जो किसान भाई अपनी फसल में यूरिया का प्रयोग कर रहे हैं वे यूरिया के साथ नैनो यूरिया का प्रयोग ना करें।
यूरिया और नैनो यूरिया में से किसी एक का ही प्रयोग किया जाए
फसलों में नैनो यूरिया के प्रयोग के संबंध में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि जब सरकार “सबका साथ सबका विकास” की भावना के साथ कार्य करती हैं तब योजनाओं का लाभ अंतिम व्यक्ति तक पहुंचता हैं।इसके पश्चात् भी यदि कोई व्यक्ति रह जाता हैं तब “मोदी की गारंटी” की उस व्यक्ति तक लाभ पहुंचा देगी।प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि सरकार प्राथमिक कृषि ऋण समितियों (Primary Agricultural Credit Societies-PACS) को मजबूत करने के लिए लगातार कार्य कर रही हैं।सरकार की ओर से लगभग 2 लाख भंडारण इकाईयां बनाने की योजना हैं।प्रधानमंत्री मोदी ने किसान भाइयों को सलाह देते हुए यह भी कहा हैं कि देश के किसान से मैं आग्रह करता हूं कि , “वे नैनो यूरिया और यूरिया दोनों का प्रयोग न करें।फसल में जहां आवश्यकता हो वहां नैनो यूरिया का ही प्रयोग करें।”
नैनो यूरिया के प्रयोग से गेहूं और धान के उपज में कमी
पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PAU) के एक शोध के अनुसार नैनो यूरिया के प्रयोग से खेती की लागत में वृद्धि , फसल की उपज पर नकारात्मक प्रभाव और प्रोटीन सामग्री में उल्लेखनीय कमी आदि को बताया गया हैं।इस शोध से यह परिणाम भी आया कि नैनो यूरिया के प्रयोग से भूमि के ऊपर जड़ की घनत्वता और टिलर बायोमास में कमी देखी गई हैं।नैनो यूरिया के प्रयोग के संबंध में पंजाब एग्रीकल्चर यूनिवर्सिटी (PAU) की शोध ने Indian Farmers Fertiliser Cooperative Limited(IFFCO) के प्रोटोकॉल का पालन किया।इस शोध से पारंपरिक नाइट्रोजन-उर्वरक के प्रयोग की अपेक्षा नैनो यूरिया से गेहूं और धान की उपज में कमी देखने को मिली।नैनो यूरिया के प्रयोग से गेहूं की उपज में 21.6% और धान की उपज में 13% की कमी देखने को मिली।