सोयाबीन की फसल को नुकसान से बचाएं: कीट, रोग और खरपतवार नियंत्रण की आसान तकनीकें

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सोयाबीन की अच्छी खेती के लिए आसान और जरूरी बातें

सोयाबीन एक फायदेमंद फसल है जो किसानों को अच्छी आमदनी देती है और मिट्टी को भी उपजाऊ बनाती है। अगर आप सोयाबीन की खेती करना चाहते हैं, तो नीचे दी गई सलाह जरूर अपनाएं।

1. बुवाई का सही समय

  • बुवाई तभी करें जब मानसून की कम से कम 100 मिमी बारिश हो जाए।
  • मध्य प्रदेश में बुवाई का सही समय 20 जून से 5 जुलाई तक है।

2. खेत की तैयारी

  • बारिश शुरू होते ही खेत को कल्टीवेटर और पाटा से भुरभुरा और समतल बनाएं।
  • बुवाई से पहले गोबर की खाद (5–10 टन/हेक्टेयर) या मुर्गी की खाद (2.5 टन/हेक्टेयर) मिलाएं।

3. किस्म का सही चुनाव

  • जल्दी फसल लेने के लिए JS 20-29 और JS 20-34 जैसी किस्में लें (90–100 दिन में तैयार)।
  • दो फसलें लेने वाले किसान JS 95-60, NRC 37 जैसी मध्यम से लंबी अवधि की किस्में चुनें (100–120 दिन)।
  • 2–3 किस्मों का मिश्रण करना बेहतर रहता है।

4. बीज की जांच और उपचार

  • बीज का अंकुरण परीक्षण करें, कम से कम 70% अंकुरण जरूरी है।
  • बीजोपचार का सही क्रम रखें:
    पहले फफूंदनाशक, फिर कीटनाशक, और अंत में जैविक कल्चर से उपचार करें।
  • उपयोग करें:
    • फफूंदनाशक: एजॉक्सीस्ट्रोबिन + थायोफिनेट मिथाइल या कार्बोक्सिन + थाइरम
    • कीटनाशक: थायमेथोक्सम या इमिडाक्लोप्रिड
    • जैविक: ब्रैडीराइजोबियम + PSB + ट्राइकोडर्मा

5. बुवाई का तरीका

  • सीड ड्रिल, BBF, रिज-फरो जैसी आधुनिक तकनीक से बुवाई करें।
  • कतार दूरी: 30 सेमी, पौधे की दूरी: 5–7 सेमी
  • बीज दर: 80–90 किग्रा/हेक्टेयर
  • बीज की गहराई: 2–3 सेमी

6. खाद और उर्वरक प्रबंधन

  • यूरिया – 56 किग्रा, SSP – 375–400 किग्रा, MOP – 67 किग्रा
  • वैकल्पिक रूप से DAP 125 किग्रा + MOP + सल्फर (25 किग्रा) दे सकते हैं।
  • ज़िंक और आयरन सल्फेट की जरूरत के अनुसार इस्तेमाल करें।

7. खरपतवार नियंत्रण

  • बुवाई से पहले या तुरंत बाद खरपतवारनाशक छिड़कें:
    • जैसे डायक्लोसुलम, पेंडीमिथालीन, सल्फेन्त्राजोन
  • पानी की मात्रा: नेपसैक स्प्रेयर से 450–500 लीटर या पावर स्प्रेयर से 120 लीटर/हेक्टेयर

8. रोग और कीट नियंत्रण

  • बीज उपचार से रॉट, स्ट्रेन और एन्थ्रेक्नोज जैसे रोगों से बचाव होता है।
  • कीट नियंत्रण के लिए फसल की निगरानी करें और समय पर दवा छिड़काव करें।

9. विपरीत मौसम में क्या करें

  • ज्यादा बारिश या सूखा हो, तो BBF या रिज-फरो तकनीक अपनाएं।
  • जल निकासी का प्रबंध करें ताकि पानी खेत में ना रुके।
  • फसल बीमा जरूर करवाएं – नुकसान होने पर मदद मिल सकती है।

10. मध्यप्रदेश के अलग-अलग क्षेत्र के लिए विशेष सलाह

  • क्षेत्र बुवाई का समय बीज दर कतार दूरी
  • मध्य क्षेत्र 20 जून – 5 जुलाई 65 किग्रा/हेक्टेयर 45 सेमी
  • उत्तर-पूर्व 15 – 30 जून 55 किग्रा/हेक्टेयर 45 सेमी
  • उत्तर मैदानी 20 जून – 5 जुलाई 65 किग्रा/हेक्टेयर 45 सेमी
  • पूर्वी क्षेत्र 15 – 30 जून 55 किग्रा/हेक्टेयर 45 सेमी
  • दक्षिण क्षेत्र 15 – 30 जून 65 किग्रा/हेक्टेयर 30 सेमी

आवश्यक सलाह : अगर किसान समय पर बुवाई करें, सही किस्में और उर्वरक चुनें, तो 20–30% तक ज्यादा उत्पादन मिल सकता है। और अगर किसी बात में संदेह हो, तो अपने नजदीकी कृषि अधिकारी या कृषि विज्ञान केंद्र (KVK) से संपर्क जरूर करें।

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