आलू की उन्नत 5 किस्में : इन किस्मों का करें चयन , होगी बंपर कमाई

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आलू की खेती से सम्बन्धित जानकारी..

आलू एक कंदीय सब्जी वर्ग के अंतर्गत आने वाली फसल है।आलू सभी की पसंदीदा सब्जी है जो सभी राज्यों में खाया जाता है।सब्जियों में आलू का मुख्य स्थान है।आलू की पैदावार क्षमता भी अन्य फसलों से अधिक है।इसी कारण आलू को अकाल नाशक फसल भी कहते हैं।आलू की सब्जी बनाकर खाई जाती है इसे अन्य सब्जी के साथ बनाकर भी खा जा सकता है।इसके अतिरिक्त भी आलू से कई सामग्री बनाई जाती है।आलू का प्रयोग एकल रूप में और सभी सब्जियों के साथ दोनों ही रूप में किया जा सकता है।सौंदर्य प्रसाधनों में भी आलू का उपयोग किया जाता है इसलिए आलू की खेती हमारे देश में कई राज्य में की जाती है।आलू से कई प्रकार के स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए जाते हैं इसलिए वर्ष भर बाजार में आलू की मांग बनी रहती है।यह देखते हुए ही आलू की खेती करना किसानों के लिए फायदेमंद है।अक्टूबर के माह में आलू की अगेती किस्म की बुवाई कर किसान भाई काफी अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं क्योंकि आलू की मांग सभी मौसम में बनी रहती है।आलू भंडारण के के लिए स्टोरेज निर्माण हेतु सरकार की ओर से 50% तक सब्सिडी प्रदान की जाती है।आलू की उन्नत किस्म जिनकी बुवाई नवंबर माह में करके अच्छा मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं आज आलू की ऐसी अगेती किस्मों के बारे में जानेंगे जिससे कम खर्चे में अच्छा मुनाफा प्राप्त हो जाए।आइए आलू की उन्नत किस्मों से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।

आलू की उन्नत 5 किस्में

(1) कुफरी सदाबहार किस्म

आलू की कुफरी सदाबहार किस्म के कंद का आकार अंडाकार और रंग सफेद होता हैं।इस किस्म के कंद सतही आंखों वाले और दिखने में आकर्षक होते हैं।आलू की कुफरी सदाबहार किस्म के गुदे का रंग सफेद होता हैं। आलु की कुफरी सदाबहार किस्म पछेती झुलसा रोग के प्रति सहनशील हैं।इस किस्म की खासियत यह हैं कि इसमें कंद निर्माण की प्रक्रिया जल्दी प्रारंभ हो जाती हैं।आलु की इस किस्म में शुष्क पदार्थ की लगभग 18 से 19% मात्रा पाई जाती हैं।आलू की कुफरी सदाबहार किस्म से प्राप्त उत्पादन प्रति हेक्टेयर लगभग 300 से 350 क्विंटल हैं।आलू की कुफरी सदाबहार किस्म के पकने की अवधि मध्यम लगभग 80 से 90 दिन हैं।

(2) कुफरी पुखराज किस्म

आलू की कुफरी पुखराज किस्म के कंद का आकार गोल एवं अंडाकार और रंग पीला होता हैं।इस किस्म के कंद की आंखे हल्की धंसी हुई होती हैं।आलू की कुफरी पुखराज किस्म के गुदे का रंग हल्का पीला होता हैं।आलु की कुफरी पुखराज किस्म अगेती अंगमारी रोग के प्रति सहनशील और पछेती अंगमारी रोग के प्रति मध्यम सहनशील हैं।आलू की कुफरी पुखराज किस्म से प्राप्त उत्पादन रोपण के 75 दिन पश्चात् खुदाई में प्रति एकड़ लगभग 90 क्विंटल और रोपण के 90 से 100 दिन पश्चात् खुदाई में प्रति एकड़ लगभग 140 से 160 क्विंटल तक हैं।आलु की यह किस्म अगेती मध्यम किस्म हैं।आलू की कुफरी पुखराज किस्म के पकने की अवधि लगभग 70 से 80 दिन हैं।

(3) कुफरी अलंकार किस्म

आलू की कुफरी अलंकार किस्म के विकास का श्रेय केंद्रीय आलू अनुसंधान शिमला को जाता हैं।आलू की कुफरी अलंकार किस्म पछेती अंगमारी रोग के प्रति सहनशील हैं।आलू की कुफरी अलंकार किस्म से उत्पादन लगभग प्रति हेक्टेयर 200 से 250 क्विंटल तक होता है।आलू की कुफरी अलंकार किस्म के पकने की अवधि लगभग 70 दिन है।

(4) कुफरी अशोका किस्म

आलू की कुफरी अशोका किस्म के कंद का आकार बड़ा एवं अंडाकार और रंग सफेद होता हैं।इस किस्म के कंद की आंखे उथली हुई होती हैं।आलू की कुफरी अशोका किस्म के गुदे का रंग सफेद होता हैं।आलु की यह किस्म अगेती किस्म हैं।आलु की यह किस्म मैदानी क्षेत्रों के लिए उचित मानी गई हैं।आलु की कुफरी अशोका किस्म पछेती झुलसा रोग के प्रति सहनशील हैं।
आलू की कुफरी अशोक किस्म से प्राप्त उत्पादन प्रति हेक्टेयर लगभग 250 से 300 क्विंटल हैं।आलू की कुफरी अशोक किस्म के पकने की अवधि लगभग 70 से 80 दिन हैं।

(5) कुफरी लालिमा किस्म

आलू की कुफरी लालिमा किस्म के कंद का आकार मध्यम एवं गोलाकार और रंग लाल होता हैं।इस किस्म के कंद की आंखे गहरी होती हैं।इस किस्म के कंद चिकने एवं छिलकायुक्त होते हैं।आलू की कुफरी लालिमा किस्म के गुदे का रंग सफेद होता हैं।आलु की कुफरी लालिमा किस्म अगेती झुलसा रोग के प्रति मध्यम सहनशील हैं।आलू की कुफरी लालिमा किस्म से प्राप्त उत्पादन प्रति हेक्टेयर लगभग 250 से 300 क्विंटल हैं।आलू की कुफरी लालिमा किस्म के पकने की अवधि लगभग 90 से 100 दिन हैं।

आलू की खेती से प्राप्त उत्पादन और मुनाफा

आलू की खेती से प्राप्त उत्पादन की बात की जाए तो यह आलू की विभिन्न किस्म पर निर्भर करता है।उचित तकनीक से की गई खेती और पकने की अवधि के अनुसार आलू की बुवाई के 60 दिन पश्चात् प्रति हेक्टेयर लगभग 100 क्विंटल , 75 दिन पश्चात् प्रति हेक्टेयर लगभग 200 क्विंटल , 90 दिन पश्चात् प्रति हेक्टेयर लगभग 300 क्विंटल और 105 दिन पश्चात् लगभग 400 क्विंटल उत्पादन प्राप्त होता है।
सामान्य रूप से आलू की खेती से उत्पादन प्रति हेक्टेयर लगभग 350 से 400 क्विंटल तक प्राप्त किया जा सकता हैं।
आलू का बाजार भाव सामान्य रूप से प्रति किलो लगभग 20 से 30 रुपए होता है।यदि 5 हेक्टेयर भूमि में आलू की खेती की जाए और प्रति किलो 20 रुपए के हिसाब से लगभग 8 लाख रुपए तक की कमाई की जा सकती है।

आलू की खेती से सम्बन्धित आवश्यक सलाह

आलू की खेती के संबंध में किसान भाई के लिए एक आवश्यक सलाह दी जाती है।किसान भाई अपने क्षेत्र और जलवायु के अनुसार आलू की किस्म का चयन करें।इसके लिए किसान अपने जिले के कृषि विभाग से संपर्क कर सकते हैं और आलू की बुवाई के लिए उचित किस्म का चयन कर सकते हैं।

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