भारी बारिश में भी मक्का की फसल रहेगी सुरक्षित, अपनाएं ये उन्नत बुवाई तकनीक

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मक्का की खेती में फायदेमंद है रेज्ड बेड प्लांटर तकनीक, जानिए कैसे करता है काम

आजकल बदलते मौसम और अनियमित बारिश की वजह से किसानों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, खासतौर पर उन फसलों में जो ज्यादा पानी सहन नहीं कर पातीं। लेकिन मक्का की खेती करने वाले किसानों के लिए राहत की खबर है – अब रेज्ड बेड प्लांटर मशीन की मदद से मक्का की बुवाई करने से भारी बारिश के बावजूद फसल को नुकसान नहीं होता। ये तकनीक मक्का के साथ-साथ दलहन और तिलहन की फसलों के लिए भी बहुत फायदेमंद है।

रेज्ड बेड प्लांटर मशीन क्या है?

यह एक आधुनिक मशीन है जो खेत में मिट्टी की ऊँची मेड़ें (Raised Beds) बनाती है और उनके बीच में नालियां छोड़ती है। ये नालियां बारिश का अतिरिक्त पानी बाहर निकाल देती हैं, जिससे पौधों की जड़ों को पानी में डूबने से बचाया जा सकता है। मशीन बीजों को एक जैसी गहराई और दूरी पर बोती है जिससे फसल की बढ़वार अच्छी होती है और उत्पादन भी बढ़ता है।

कैसे काम करती है यह मशीन?

रेज्ड बेड प्लांटर मशीन एक साथ तीन काम करती है –

  1. मिट्टी की ऊंची मेड़ें बनाना
  2. बीजों की बुवाई करना
  3. उर्वरक डालना

इस मशीन को ट्रैक्टर से जोड़ा जाता है और खेत की जुताई के बाद इसका इस्तेमाल किया जाता है। मशीन चलते-चलते मेड़ें बनाती है और बीज बो देती है। दोनों तरफ नालियां बनने से बारिश का पानी बहकर निकल जाता है, और कम बारिश होने पर वही पानी जड़ों तक पहुंचता है।

कितनी मिलती है सब्सिडी?

सरकार इस मशीन को खरीदने पर 40% से 50% तक सब्सिडी देती है। यह राज्य की योजनाओं के अनुसार अलग-अलग हो सकती है। जैसे मध्य प्रदेश में कृषि अभियांत्रिकी विभाग के जरिए किसान इसे सब्सिडी पर ले सकते हैं। छोटे किसानों को इसमें प्राथमिकता दी जाती है। कुछ राज्यों में इसके लिए कृषि यंत्र अनुदान पोर्टल पर ऑनलाइन आवेदन भी किया जा सकता है।

कीमत और सब्सिडी के बाद खर्च कितना आता है?

इस मशीन की कीमत करीब ₹70,000 से ₹1,00,000 तक होती है। लेकिन सब्सिडी मिलने के बाद किसानों को यह मशीन केवल ₹30,000 से ₹50,000 के बीच मिल जाती है।

किसान का अनुभव: जबलपुर के बीडी अरजरिया की कहानी

जबलपुर जिले के पनागर के किसान बीडी अरजरिया ने इस तकनीक को अपनाया। उन्होंने बताया कि भारी बारिश के बाद भी उनके खेतों में पानी नहीं रुका और पौधों की ग्रोथ पर कोई असर नहीं पड़ा। इस तकनीक से उन्हें लागत भी कम लगी और फसल की क्वालिटी भी बढ़िया रही। उनकी सफलता देखकर आसपास के कई किसान भी इसे अपनाने लगे हैं।

रेज्ड बेड तकनीक के फायदे

  • जलभराव से बचाव: नालियों से पानी निकल जाता है
  • जल संरक्षण: कम बारिश में भी नमी बनी रहती है
  • फसल सुरक्षित रहती है: जड़ें सड़ती नहीं हैं
  • लागत में कमी: पानी और खाद की खपत कम होती है
  • उपज बढ़ती है: बीज एक जैसी दूरी पर बोए जाते हैं
  • समय और मेहनत की बचत: एक बार में कई काम पूरे हो जाते हैं

जो किसान मक्का, तिलहन या दलहन की खेती करते हैं, उन्हें यह तकनीक ज़रूर अपनानी चाहिए। यह न केवल मौसम की मार से बचाती है बल्कि लागत कम करके मुनाफा बढ़ाने में मदद करती है।


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