जानिए, कृषि की उत्पादकता बढ़ाने के आसान तरीके
भारत की आधी से अधिक जनसंख्या खेती-किसानी पर निर्भर है। ऐसे में कृषि की उत्पादकता में बढ़ोतरी होना अत्यंत आवश्यक है ताकि संसाधनों का बेहतर उपयोग करके खाद्यान्न उत्पादन बढ़ाया जा सके। इसके लिए आवश्यक है कि हम ऐसे तरीके अपनाएं, जिससे हमारी खेती लाभकारी हो और अधिक उत्पादन प्राप्त किया जा सके। कृषि की उत्पादकता कई कारकों पर निर्भर करती है, जिनमें से कुछ प्रमुख कारणों के बारे में हम नीचे चर्चा करेंगे।
आज के समय में कई नई विधियां और तकनीकें हैं, जिनकी सहायता से न केवल उत्पादन बढ़ाया जा सकता है, बल्कि खेत की उत्पादकता को भी लंबे समय तक बनाए रखा जा सकता है। इस लेख में हम आपको कृषि की उत्पादकता बढ़ाने के 10 आसान और प्रभावी तरीकों के बारे में बताएंगे, ताकि आप इन्हें अपनाकर अपनी खेती को लाभकारी बना सकें।
कृषि की उत्पादकता बढ़ाने के 10 आसान तरीके
1. भूमि सुधारों का कार्यान्वयन
कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए सबसे पहला कदम भूमि सुधार है। इसके तहत, खेती में उपयोग होने वाली मशीनों जैसे ट्रैक्टर, कल्टीवेटर, रोटावेटर आदि से खेत की भूमि में सुधार किया जाता है। इन उपकरणों के द्वारा ऊबड़-खाबड़ और असमतल भूमि को समतल और भुरभुरी बनाकर उसे खेती योग्य बनाया जाता है। इससे खेती करना आसान हो जाता है और उत्पादकता में वृद्धि होती है। इस प्रकार, भूमि सुधार कृषि उत्पादकता बढ़ाने का सबसे प्रभावी तरीका है।
2. अंतर रोपण द्वारा
अंतर रोपण एक ऐसी तकनीक है, जिसके तहत एक ही समय में विभिन्न फसलें एक साथ उगाई जा सकती हैं। यह आपके खेत की उत्पादकता को अधिकतम करने का सबसे अच्छा तरीका है। उदाहरण के लिए, गन्ने की फसल के साथ दलहन और तिलहन फसलें उगाई जा सकती हैं। इसके अलावा, मटर, मसूर, गेहूं, सरसों, और बेल वाली सब्जियों जैसे घीया, ककड़ी, तोरई, खीरा, चप्पनकद्दू, खरबूजा, और तरबूज जैसी फसलें भी साथ में उगाई जा सकती हैं। हालांकि, यह ध्यान रखना जरूरी है कि कुछ फसलें एक साथ नहीं उगाई जा सकतीं, जैसे ज्वार और गन्ने की फसल एक साथ नहीं उगानी चाहिए, क्योंकि ज्वार से गन्ने में परजीवी खरपतवार उत्पन्न हो सकते हैं।
3. अधिक सघनता से पौधे लगाएं
खेतों की उत्पादकता बढ़ाने का यह सबसे प्रभावी तरीका है। इस प्रक्रिया में फसलों के पौधे एक दूसरे के करीब लगाए जाते हैं, जिससे कम स्थान में अधिक पौधे रोपे जाते हैं। उदाहरण के तौर पर, कई किसान सब्जियों की खेती करते समय पौधों के बीच ज्यादा दूरी छोड़ते हैं, जिससे बहुत सा खाली स्थान रह जाता है। इस जगह को भरने के लिए, पौधों के बीच की दूरी कम करके अधिक पौधे लगाए जा सकते हैं, जिससे खेत की उत्पादकता बढ़ाई जा सकती है।
4. कई प्रकार की फसलें उगाएं
किसान एक ही खेत में कई प्रकार की फसलें जैसे अनाज, दलहन, तिलहन, फल, फूल, और सब्जियों की खेती करके अपनी कृषि उत्पादकता बढ़ा सकते हैं। यह तरीका न केवल उत्पादकता को बढ़ाता है, बल्कि भूमि की उर्वरता में भी सुधार करता है। विशेष रूप से, दलहन फसलें भूमि में नाइट्रोजन की कमी को पूरा करने में मदद करती हैं, जिससे भूमि की उर्वरता बनी रहती है।
5. ऊंची क्यारियां या बेड का निर्माण करें
पारंपरिक खेती की तकनीक में ट्रैक्टर की सहायता से तैयार की गई पंक्तियों में फसलें लगाई जाती हैं। जबकि स्थाई क्यारियों में एक ही चौड़ाई की क्यारियों में फसलों की कई पंक्तियाँ लगाई जा सकती हैं। इससे सघन वृक्षारोपण, कम पंक्तियाँ और अधिक सक्रिय खेती वाले क्षेत्र बनते हैं, जिससे उत्पादकता में सुधार होता है। इस तकनीक से भूमि की बेहतरीन तरीके से उपयोग किया जा सकता है और यह अधिक उत्पादन देने में सक्षम होती है।
6. उत्तम जल प्रबंधन
बेहतर जल प्रबंधन से कृषि की उत्पादकता में वृद्धि की जा सकती है। इसका मतलब है कि पानी का बेहतर उपयोग किया जाए ताकि कम पानी में अधिक उत्पादन लिया जा सके। इसके लिए आप स्प्रिंकलर सिंचाई तकनीक का उपयोग करके 50 प्रतिशत तक पानी की बचत कर सकते हैं, और ड्रिप सिंचाई सिस्टम का उपयोग करके 70 प्रतिशत तक पानी की बचत की जा सकती है। साथ ही, नहरों और ट्यूबवेल से खेत में सिंचाई की उत्तम व्यवस्था बनाए रखी जा सकती है।
7. गर्मी प्रतिरोधी किस्में लगाएं
आजकल गर्मी का मौसम अधिक लंबा हो गया है, और यह कृषि की उत्पादकता पर प्रतिकूल प्रभाव डाल सकता है। ऐसे में गर्मी सहनशील किस्मों का चयन करना आवश्यक है, जो उच्च तापमान में भी बेहतर उपज देने में सक्षम हों। इस प्रकार, गर्मी सहनशील किस्में उगाकर उत्पादन में 23 प्रतिशत तक वृद्धि की जा सकती है।
8. नाइट्रोजन का करें प्रयोग
नाइट्रोजन पौधों की बढ़त में अहम भूमिका निभाता है। यह पौधों को बेहतर विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व प्रदान करता है। हर साल फसलों के बेहतर विकास में सहायता के लिए 100 मिलियन टन नाइट्रोजन का उपयोग किया जाता है। नाइट्रोजन के उपयोग से फसलों की उत्पादकता में 22 प्रतिशत तक वृद्धि हो सकती है।
9. उन्नत बीज का करें उपयोग
कृषि में बीजों का महत्वपूर्ण स्थान है। बिना बीज के फसल का उत्पादन संभव नहीं है। बेहतर उत्पादन के लिए उन्नत और प्रमाणिक बीजों का उपयोग जरूरी है। उन्नत बीज कृषि उत्पादकता को बढ़ाने में सहायक होते हैं। इसलिए, किसानों को हमेशा उन्नत बीजों का चयन करना चाहिए, ताकि वे अधिक उपज प्राप्त कर सकें।
10. पौध संरक्षण अवश्य करें
कृषि वैज्ञानिकों के अनुसार, लगभग 5 प्रतिशत फसलें कीटों और रोगों के कारण नष्ट हो जाती हैं। इसलिए, फसल की सुरक्षा के लिए कीटनाशकों और रोगनाशकों का उपयोग जरूरी है। हालांकि, इनका प्रयोग किसी कृषि विशेषज्ञ की सलाह पर ही करना चाहिए, क्योंकि इनके अत्यधिक उपयोग से फसलों पर विपरीत प्रभाव भी पड़ सकता है। इसके अलावा, किसानों को कीटनाशकों के सही इस्तेमाल के बारे में जागरूक किया जाना चाहिए।
इन तरीकों को अपनाकर आप अपनी कृषि उत्पादकता को बढ़ा सकते हैं और इससे न केवल अधिक उत्पादन मिलेगा, बल्कि आपकी खेती भी लाभकारी बनेगा।