जुलाई माह में फसल सुरक्षित और बेहतर कैसे रखें? जानिए कृषि विशेषज्ञों की सलाह

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जुलाई माह में किसान करें ये जरूरी कार्य

जुलाई का महीना किसानों के लिए बेहद जरूरी होता है। इस बार मौसम विभाग (IMD) ने जुलाई में सामान्य से अधिक बारिश का अनुमान जताया है। इसलिए भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) और सूखा क्षेत्र कृषि अनुसंधान संस्थान (CRIDA) ने किसानों के लिए कुछ जरूरी सुझाव दिए हैं, ताकि पैदावार अच्छी हो और नुकसान से बचा जा सके।

पश्चिमी उत्तर प्रदेश के किसान क्या करें

  • इस समय मक्का की हाईब्रिड किस्में बो सकते हैं। बीज की मात्रा 8 किलो प्रति एकड़ रखें।
  • जुलाई के दूसरे सप्ताह में बाजरा बोना फायदेमंद है, इसके लिए 2 किलो बीज प्रति एकड़ काफी रहेगा।
  • अगर सब्जियों की नर्सरी बनानी हो तो बेड थोड़ा ऊंचा रखें ताकि बारिश का पानी जमा न हो।

पूर्वी उत्तर प्रदेश के किसान क्या करें

  • मक्का की बुवाई की तैयारी कर लें। जैसे ही बारिश थोड़ी थमे और मौसम साफ हो, तुरंत बुवाई करें।

उत्तराखंड के किसान क्या करें

  • यहां सामान्य बारिश की संभावना है। मक्का, सोयाबीन, रागी और दालों की बुवाई जारी रखें।
  • धान की रोपाई भी इस समय की जा सकती है।
  • खेतों से अतिरिक्त पानी निकालने की व्यवस्था जरूर करें।

पंजाब के किसान क्या करें

यहां बारिश ज्यादा हो सकती है। कपास की फसल में गुलाबी सुंडी कीट का खतरा रहता है, इसलिए नियंत्रण के उपाय करें।
धान की बुवाई से पहले जड़ गांठ रोग से बचाव के लिए सरसों की खली (40 ग्राम प्रति वर्ग मीटर) का इस्तेमाल करें।

महाराष्ट्र के किसान क्या करें

  • परभणी में खरीफ ज्वार की बुवाई का सही समय है।
  • भिंडी, करेला, कद्दू, टमाटर, मिर्च जैसी सब्जियों की 45 दिन पुरानी पौध का रोपण साफ मौसम में करें।
  • विदर्भ में जहां अच्छी बारिश हुई हो, वहां सोयाबीन, कपास, तुअर, मूंग, उड़द और ज्वार बो सकते हैं।
  • प्याज, बैंगन, मिर्च जैसी सब्जियों की नर्सरी तैयार करें और हल्की सिंचाई करें।

कोंकण के किसान क्या करें

  • खरीफ धान की बुवाई करें।
  • हल्दी, मूंगफली, सब्जियों और बागवानी फसलों के खेतों से पानी निकासी की उचित व्यवस्था करें।
  • आम, काजू, नारियल और सुपारी के नए पौधों को सहारा दें।

छत्तीसगढ़ के किसान क्या करें

  • धान की उन्नत किस्मों के बीज पहले से तैयार रखें।
  • भिंडी, खीरा, मिर्च, लौकी, बैंगन जैसी सब्जियों की नर्सरी लगाएं।
  • हल्दी, अदरक, जिमीकंद और अरबी जैसी फसलों में मल्चिंग करें।
  • खेतों में जल निकासी के लिए नालियां जरूर बनाएं।

हिमाचल प्रदेश के किसान क्या करें

  • खीरा और टमाटर जैसी सब्जियों में निराई और सिंचाई करते रहें।
  • मूंग और कुल्थी की अनुशंसित किस्में बो सकते हैं (8 किलो बीज प्रति एकड़)।
  • मटर में जड़ सड़न से बचाव के लिए कार्बेन्डाजिम और स्ट्रेप्टोसाइक्लिन का उपयोग करें।
  • कद्दू वर्ग की सब्जियों में रोग से बचाव के लिए डायथेन एम-45 का छिड़काव करें।

जम्मू के किसान क्या करें

यहां भी सामान्य से ज्यादा बारिश हो सकती है।
बारिश के बाद मक्का की बुवाई करें। बीज की मात्रा 8 से 10 किलो प्रति एकड़ रखें।

अभी की मौसम स्थिति क्या कहती है

• इस साल जुलाई में देश के कई हिस्सों में सामान्य से ज्यादा बारिश हो रही है।
• कुछ जगह जैसे मध्य भारत (इंदौर आदि) में बारिश थोड़ी कम है लेकिन जल्द ही सुधार की संभावना है।
• खरीफ फसलों की बुवाई पिछले साल के मुकाबले तेजी से हो रही है – धान, मक्का, तुअर जैसी फसलों में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
• ऐसे में किसानों को जल निकासी, रोग-कीट नियंत्रण और सही समय पर बुवाई पर खास ध्यान देना चाहिए।

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