गुलदाउदी दुनिया में सबसे ज्यादा उगाई जाने वाली व्यावसायिक फूलों की फसल है। इसके फूलों की मांग पूजा-पाठ, सजावट, गजरा, माला और अन्य कार्यों के लिए तेजी से बढ़ रही है। अगर किसान इसकी खेती को सही तकनीक से अपनाते हैं, तो यह उनके लिए एक बेहतरीन कमाई का जरिया बन सकता है। बढ़ती मांग के कारण बाजार में इसके दाम भी अच्छे मिल रहे हैं, जिससे किसान भाई इस पर विचार कर सकते हैं।
मिट्टी और जलवायु की आवश्यकताएं
गुलदाउदी की खेती के लिए 8 से 16 डिग्री तापमान सबसे बेहतर होता है। इसे किसी भी प्रकार की मिट्टी में उगाया जा सकता है, लेकिन अच्छे उत्पादन के लिए जल निकासी वाली दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त होती है। पौधे के अच्छे विकास के लिए धूप वाली खुली जगह आवश्यक होती है और मिट्टी का पीएच मान 6.5 होना सबसे आदर्श माना जाता है।
गुलदाउदी की उन्नत किस्में
गुलदाउदी के फूलों की दो प्रमुख श्रेणियां होती हैं – एकवर्षीय और बहुवर्षीय।
- एकवर्षीय किस्में – सफेद, पीली और बहुरंगी किस्में, जो बीज द्वारा उगाई जाती हैं।
- बहुवर्षीय किस्में – वसंतिका, मीरा, शारदा, कुंदन, बीरबल साहनी, नानाको, बागी, सलेक्शन 5, रेडगोल्ड, फ्लिर्ट, श्यामल, गुल शाहिर आदि। इन्हें कलम और अंत:भूस्तरियों द्वारा उगाया जाता है।
रोपाई और निराई-गुड़ाई का सही तरीका
गुलदाउदी के पौधे को लगाने के लिए कतारों में उचित दूरी रखनी चाहिए:
- छोटे फूलों वाली किस्मों के लिए 25-30 सेमी की दूरी।
- बड़े फूलों वाली किस्मों के लिए 50 सेमी की दूरी।
खेत में खरपतवार न होने के लिए नियमित निराई-गुड़ाई आवश्यक है। पहली निराई रोपाई के एक महीने बाद करनी चाहिए और शाकनाशी का उपयोग करके खरपतवार से छुटकारा पाया जा सकता है।
रोग और कीट प्रबंधन
गुलदाउदी को स्वस्थ रखने के लिए निम्नलिखित उपाय अपनाने चाहिए:
- जड़ सड़न – 2.5 ग्राम प्रति लीटर की दर से थीरम या कैप्टॉन का उपयोग करें।
- लीफ स्पॉट – संक्रमित पत्तियों को नष्ट करें और कॉपर ऑक्सीक्लोराइड 0.2% का छिड़काव करें।
- विल्ट रोग – डायथेन एम-45 0.2% का मिट्टी में मिलाकर छिड़काव करें।
- कीट नियंत्रण –
- सनफ्लावर लेस विंग बग के लिए मोनोक्रोटोफॉस 36 एस.एल 1.5 मिली/लीटर का छिड़काव करें।
- एफिड्स से बचाव के लिए मिथाइल डिमेटान 25 ई.सी 1 मिली/लीटर का छिड़काव करें।
फूलों की तुड़ाई और भंडारण
गुलदाउदी के फूलों की तुड़ाई तभी करनी चाहिए जब वे पूरी तरह खिल चुके हों। पौधों पर नई कलियां लगातार आती रहें, इसके लिए समय-समय पर फूल तोड़ते रहना जरूरी होता है। कटे हुए फूलों को ताजगी बनाए रखने के लिए उनके तने के निचले हिस्से को पानी में रखना चाहिए। फूलों को सुरक्षित रखने के लिए उन्हें पारदर्शी प्लास्टिक की शीट से ढककर रखा जा सकता है।
उपज और बाजार मूल्य
- प्रति हेक्टेयर 100-150 क्विंटल फूलों की उपज होती है।
- गुलदाउदी का बाजार मूल्य ₹150 से ₹400 प्रति किलोग्राम तक जाता है।
अगर किसान 1 हेक्टेयर में इसकी खेती करते हैं, तो वे अच्छी कमाई कर सकते हैं और अपने आर्थिक हालात को मजबूत बना सकते हैं।
(डिस्क्लेमर: यह लेख केवल जानकारी देने के उद्देश्य से लिखा गया है। ताजा भाव और सही जानकारी के लिए नजदीकी कृषि विशेषज्ञों या मंडी से संपर्क करें।)