किसान भाई भी पुष्पा की तरह करें चंदन की खेती और पाए करोड़ों की कमाई , कानूनी रूप से ऐसे करें शुरुआत

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चंदन की खेती से संबंधित जानकारी

पुष्पा’ फिल्म में चंदन तस्करी की जो तस्वीर पेश की गई थी, उसके विपरीत, चंदन की वैध खेती किसानों के लिए लाभकारी साबित हो रही है। यह पौधा लाल या रेतीली मिट्टी में उगता है और परजीवी होने के कारण सहायक पौधे की आवश्यकता होती है। 15-20 साल में तैयार चंदन के पेड़ से किसान प्रति पेड़ 70,000 से 2 लाख रुपये तक कमा सकते हैं।

कानूनी तरीके से खेती कैसे करें(Sandalwood Farming)??

जहां ‘पुष्पा’ फिल्म ने चंदन की अवैध तस्करी को उजागर किया, वहीं चंदन की कानूनी खेती किसानों के लिए एक नई आर्थिक संभावना प्रदान करती है। यह न केवल किसानों के लिए समृद्धि लाती है, बल्कि हमारे पर्यावरण और सांस्कृतिक धरोहर की रक्षा भी करती है। यदि किसान उचित तकनीक और प्रशिक्षण से इसकी खेती करते हैं, तो यह उनके आर्थिक हालात को सुधारने में मदद कर सकती है। चंदन के पौधे न केवल लाभ देंगे, बल्कि हमारे सांस्कृतिक और प्राकृतिक धरोहर को भी संरक्षित करने में योगदान देंगे। चंदन, जो भारत की सांस्कृतिक धरोहर का अभिन्न हिस्सा है, अब किसानों के लिए एक फायदेमंद व्यवसाय बन रहा है। पूजा, आयुर्वेद, सौंदर्य प्रसाधन, और सुगंधित उत्पादों में इसके उपयोग के चलते चंदन की खेती भी एक बड़ा मुनाफा देने वाला विकल्प बन चुकी है।
वैज्ञानिकों ने नई तकनीकों के माध्यम से चंदन की खेती को उत्तर भारत के मौसम के अनुकूल बनाने में सफलता प्राप्त की है। इससे न केवल किसानों को फायदा होगा, बल्कि देश में चंदन उत्पादन भी तेजी से बढ़ेगा।

चंदन का महत्व

चंदन भारतीय संस्कृति में विशेष स्थान रखता है। देश में सफेद और लाल चंदन दोनों की खेती होती है और इनकी कीमत भी काफी अधिक होती है। इनका प्रमुख उपयोग पूजा में तिलक, मूर्ति निर्माण, हवन, अगरबत्ती, परफ्यूम और अरोमा थेरेपी में होता है। आयुर्वेद में चंदन से विभिन्न औषधियाँ बनाई जाती हैं। बाजार में चंदन की लकड़ी का मूल्य अत्यधिक होता है और इसकी मांग भी अधिक है।

मुनाफे वाली खेती

चंदन का पेड़ जितना पुराना होता है, उसकी कीमत उतनी ही अधिक होती है। 15 साल पुराने एक पेड़ की कीमत 70,000 से 2,00,000 रुपये तक हो सकती है। अगर कोई किसान 50 पेड़ लगाता है, तो वह 15 साल में लगभग 1 करोड़ रुपये तक का मुनाफा कमा सकता है। औसतन, किसानों की आय हर साल 8 लाख रुपये से अधिक हो सकती है। यदि कोई किसान अपनी संतान के जन्म पर 20 चंदन के पौधे लगाता है, तो उसकी शादी तक इस निवेश से उसका खर्च पूरा किया जा सकता है।

चंदन की विशेषताएँ

चंदन एक परजीवी पौधा होता है, इसका मतलब है कि यह अपनी खुराक खुद नहीं बना सकता। इसके लिए इसे किसी अन्य पौधे की जड़ों से पोषण की आवश्यकता होती है। इसलिए चंदन के पौधों को अच्छे से विकसित होने के लिए एक सहायक पौधे की जरूरत होती है। चंदन की जड़ें आसपास के पौधों की जड़ों से जुड़कर पोषण प्राप्त करती हैं। चंदन के पेड़ को पूर्ण विकसित होने में लगभग 15 साल का समय लगता है, लेकिन इस दौरान किसान अन्य फलदार पौधे लगाकर अतिरिक्त मुनाफा कमा सकते हैं।

चंदन की खेती से लाखों का मुनाफा

आजकल चंदन की खेती किसानों के लिए मुनाफे का अच्छा साधन बन सकती है, जिससे वे कम समय में अच्छा लाभ कमा सकते हैं।

चंदन की खेती के कुछ उपयोगी टिप्स

चंदन की खेती के लिए लाल, रेतीली या चिकनी मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है, लेकिन लाल मिट्टी को सबसे बेहतरीन माना जाता है। जैविक खाद का प्रयोग इसके उत्पादन को बढ़ाता है और पौधों को शुरूआत में विशेष देखभाल की आवश्यकता होती है। खरपतवार नियंत्रण की महत्वपूर्ण भूमिका है। 15-20 साल में ये पेड़ तैयार होते हैं, जिनकी जड़ें और लकड़ी अत्यधिक सुगंधित होती हैं, और बाजार में इनकी कीमत भी बहुत अधिक होती है।

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