बारिश के मौसम में गन्ने की फसल से अच्छी पैदावार पाने के आसान तरीके
गन्ना एक नकदी फसल है जिसे भारत के कई राज्यों में बड़े पैमाने पर उगाया जाता है। मानसून के मौसम में गन्ने को पर्याप्त पानी मिल जाता है, जिससे इसकी बढ़वार तेज हो जाती है। लेकिन अगर खेत में ज्यादा पानी रुक जाए, तो फसल को नुकसान भी हो सकता है। इसलिए किसानों को कुछ बातों का ध्यान रखना बहुत जरूरी है।अगर किसान भाई बारिश के मौसम में ये उपाय अपनाएं तो गन्ने की फसल में नुकसान की संभावना कम होगी और पैदावार भी बढ़ेगी। सही समय पर देखभाल और दवाओं का छिड़काव फसल को स्वस्थ और मजबूत बनाए रखता है।
गन्ने की फसल से अच्छी पैदावार पाने के आसान तरीके
1. खेत से पानी की निकासी करें
अगर खेत में बारिश का पानी रुक जाए तो गन्ने की जड़ों में ऑक्सीजन नहीं पहुंचती, जिससे जड़ें सड़ने लगती हैं। इससे पौधा सूख भी सकता है। खेत में नालियां बनाकर पानी जल्दी बाहर निकालें ताकि फसल सुरक्षित रहे।
2. यूरिया डालकर फसल को ताकत दें
जिन किसानों ने अब तक यूरिया नहीं डाली है, वे प्रति एकड़ 40 से 45 किलो यूरिया डाल सकते हैं। इससे पौधों को जरूरी नाइट्रोजन मिलती है, जिससे वे हरे-भरे और मजबूत बनते हैं।
3. घुलनशील उर्वरकों का छिड़काव करें
अगर यूरिया पहले ही दी जा चुकी है, तो किसान 18:18:18 (NPK) घुलनशील खाद का 2 किलो मात्रा को 200 लीटर पानी में मिलाकर पत्तियों पर छिड़काव करें। इससे पौधों को सीधे पोषण मिलता है और उनकी वृद्धि तेज होती है।
4. मिट्टी चढ़ाना और बंधाई करें
जुलाई के महीने में मिट्टी नरम होती है, ऐसे में गन्ने के पौधों के पास मिट्टी चढ़ा दें। इससे जड़ें ढक जाती हैं और पौधा मजबूत होता है। कमजोर पौधों को गिरने से बचाने के लिए उन्हें बांध देना चाहिए।
मानसून में गन्ने को कीटों और रोगों से कैसे बचाएं?
1. तना बेधक कीट
यह कीट गन्ने के तने में सुराख करके उसे कमजोर कर देता है। इससे बचने के लिए ट्राइकोग्रामा किलोनिस परजीवी कार्ड को जुलाई से अक्टूबर तक हर 10 दिन के अंतराल पर 4 से 6 बार प्रति एकड़ लगाएं। अगर कीट ज्यादा हो तो प्रोफेनोफास 40% + सायपरमेथ्रिन 4% या ट्राईजोफास 35% + डेल्टामेथ्रिन 1% दवा का छिड़काव करें।
2. प्लासी बोरर कीट
इस कीट से बचने के लिए खेत के किनारे लाइट ट्रैप लगाएं ताकि यह कीट उसमें फंस जाए। यदि प्रकोप ज्यादा हो जाए तो इमिडाक्लोप्रिड 17.8% की 1 मिली मात्रा को प्रति लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव करें।
3.पोक्काहा बोइंग रोग
यह एक फफूंद जनित रोग है जो गन्ने की नई पत्तियों को खराब कर देता है। पत्तियां मुरझाकर काली हो जाती हैं। इसे रोकने के लिए कॉपर ऑक्सीक्लोराइड की 3 ग्राम मात्रा को प्रति लीटर पानी में मिलाकर हर 15 दिन में 2 से 3 बार छिड़काव करें।
4. अमरबेल खरपतवार
अमरबेल गन्ने से पोषण चूसकर उसे कमजोर कर देती है। इसे खेत में दिखते ही जड़ सहित उखाड़कर मिट्टी में दबा देना चाहिए ताकि ये और न फैल सके।
अगर किसान भाई इन बातों को ध्यान में रखें तो बारिश में भी गन्ने की फसल से अच्छी और मजबूत पैदावार ले सकते हैं। जरूरत है तो सिर्फ समय पर देखभाल और समझदारी से काम करने की।