कृषि रसायनों का सही घोल बनाने और छिड़काव में सुरक्षा
कृषि में फसल सुरक्षा के लिए रसायनों का उपयोग बढ़ता जा रहा है, लेकिन यह जरूरी है कि इनका सही तरीके से उपयोग किया जाए ताकि न केवल फसल का उत्पादन बढ़े, बल्कि पर्यावरण और मानव स्वास्थ्य पर भी कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े। हाल ही में कृषि विशेषज्ञों ने इस विषय पर जोर देते हुए किसानों को सही तरीके से कृषि रसायनों का घोल बनाने और छिड़काव करने के महत्व को बताया है।
कृषि रसायनों का सही घोल बनाने की प्रक्रिया
कृषि रसायनों का सही घोल बनाने से न केवल फसल की सुरक्षा होती है, बल्कि इससे पर्यावरण का संतुलन भी बनाए रखा जा सकता है।कृषि रसायनों का सही घोल बनाने की प्रक्रिया इस प्रकार हैं-
- पानी की गुणवत्ता: छिड़काव के लिए साफ, गंदगी मुक्त और शुद्ध पानी का उपयोग करना चाहिए। पानी की पीएच वैल्यू 6.5 से 7.5 के बीच होनी चाहिए।
- उपकरण: रसायन को मापने के लिए मापक सिलेंडर, बीकर या तराजू का प्रयोग करें। स्प्रे टैंक को अच्छी तरह से साफ रखें ताकि उसमें किसी अन्य रसायन का अवशेष न रहे।
- घोल बनाने की प्रक्रिया: सबसे पहले स्प्रे टैंक में आधा पानी भरें। फिर धीरे-धीरे कृषि रसायन को पानी में मिलाएं। मिश्रण को अच्छी तरह से मिलाने के लिए लकड़ी की छड़ी या अन्य सुरक्षित उपकरण का उपयोग करें। अंत में टैंक को पूरी तरह पानी से भरें।
- मिश्रण बनाने का सही तरीका: जब कई रसायनों का मिश्रण करना हो, तो सही क्रम का पालन करें। सबसे पहले पाउडर या ग्रेन्युल (WP/WG), फिर इमल्शन (EC) और अंत में घुलनशील तरल पदार्थ (SL) डालें।
- मात्रा का ध्यान रखें: हमेशा अनुशंसित मात्रा के अनुसार ही रसायन डालें। ज्यादा रसायन डालने से फसल और पर्यावरण को नुकसान हो सकता है।
मौसम और फसल की स्थिति पर ध्यान
कृषि विशेषज्ञों का कहना है कि छिड़काव के लिए सर्वोत्तम समय सुबह या शाम का होता है, जब हवा की गति कम होती है और तापमान 20-35 डिग्री सेल्सियस के बीच होता है। तेज धूप, बारिश या उच्च हवा की स्थिति में छिड़काव से रसायन का प्रभाव कम हो सकता है। इसके अलावा, किसानों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि छिड़काव से पहले फसल की स्थिति का पूरी तरह से निरीक्षण किया गया हो।
छिड़काव से पहले ध्यान रखने योग्य मुख्य बातें
- छिड़काव के समय सुरक्षात्मक उपकरण जैसे ग्लव्स, मास्क और सुरक्षात्मक कपड़े पहनें। आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मा भी लगाएं।
- छिड़काव के लिए सुबह और शाम का समय सबसे उपयुक्त है। तेज धूप, हवा या बारिश के दौरान छिड़काव से बचें। यदि तापमान 20-35 डिग्री सेल्सियस के बीच हो, तो छिड़काव सबसे प्रभावी होता है।
- छिड़काव से पहले फसल की स्थिति का पूरा निरीक्षण करें। यह सुनिश्चित करें कि फसल पर किसी भी प्रकार का रोग या कीट प्रकोप हो, तो उसे सही तरीके से पहचाना गया हो।
- छिड़काव के लिए सही नोजल और स्प्रेयर का चयन करें। छिड़काव से पहले उपकरणों की जांच करें और सुनिश्चित करें कि वे साफ और सही हालत में हों।
- एक समान और प्रभावी छिड़काव के लिए सही मात्रा में घोल तैयार करें। बहुत अधिक या बहुत कम घोल का छिड़काव न करें।
- मिश्रण तैयार करने के बाद एक छोटे से हिस्से पर परीक्षण करें। यह सुनिश्चित करें कि रसायन का मिश्रण फसल पर किसी प्रकार का नकरात्मक प्रभाव न डाले।