गन्ना चीनी मिल जाने वाले किसानों के लिए आयुक्त ने दिए नए दिशा-निर्देश, जानिए क्या है इन निर्देशों का लाभ
वर्तमान में चीनी मिलों द्वारा किसानों से गन्ने की खरीद की जा रही है, और बड़ी संख्या में किसान अपने गन्ने को मिलों तक पहुंचा रहे हैं। ऐसे में सर्दी के मौसम में किसानों को गन्ना मिलों तक सुरक्षित रूप से पहुंचाने के लिए आयुक्त ने कुछ नए निर्देश जारी किए हैं। इन निर्देशों का उद्देश्य किसानों की सुरक्षा को सुनिश्चित करना है।
इन निर्देशों के तहत किसानों को अपने गन्ना ढुलाई के लिए उपयोग किए जा रहे वाहनों में लाल और पीले रंग की रिफ्लेक्टर पट्टियां लगाने की अनिवार्यता लागू की गई है। इसका मतलब यह है कि अब किसान जब गन्ना मिलों तक लेकर जाएंगे, तो उन्हें अपने वाहनों पर लाल और पीले रिफ्लेक्टर पट्टियां लगानी होंगी।
रिफ्लेक्टर पट्टियां क्यों जरूरी?
सर्दी के मौसम में कोहरे के कारण सड़क पर दृश्यता कम हो जाती है, जिससे दुर्घटनाओं का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे में गन्ना किसानों के वाहनों को दूर से देखा जा सके, इसलिए आयुक्त प्रभु एन. सिंह ने गन्ना ढुलाई के वाहनों पर रिफ्लेक्टर पट्टियां लगाने को अनिवार्य कर दिया है। अक्सर गन्ना लादने के दौरान वाहनों में रिफ्लेक्टर नहीं होते या वे ढक जाते हैं, जिससे ये वाहन दूर से दिखाई नहीं पड़ते और दुर्घटना की संभावना बढ़ जाती है।
किस तरह लगाने होंगे रिफ्लेक्टर पट्टियां?
- किसानों को अपने ट्रैक्टर-ट्रॉलियों के दोनों कोनों पर छह इंच की लाल और पीली फ्लोरोसेंट पेंट लगानी होगी।
- इसके अलावा, ट्रकों के अगले और पिछले बंपर पर भी लाल और पीली फ्लोरोसेंट पट्टियां लगानी होंगी।
- गन्ना ढुलाई के लिए इस्तेमाल होने वाली बग्गियों के पिछले हिस्से पर लोहे की पट्टी लगाकर उस पर भी यही फ्लोरोसेंट पेंट लगाने की जरूरत होगी।
रिफ्लेक्टर पट्टी लगाने के लिए अभियान शुरू होगा
गन्ना आयुक्त ने बताया कि विभागीय अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि वे सहायक परिवहन अधिकारी, राजस्व अधिकारी, पुलिस और चीनी मिल प्रबंधन के साथ मिलकर गन्ना ढुलाई वाहनों पर रिफ्लेक्टर पट्टियां लगाने के लिए अभियान चलाएं। यह अभियान पूरे सीजन में दो से तीन बार चलाया जाएगा ताकि गन्ना ढुलाई के सभी वाहनों पर रिफ्लेक्टर सुनिश्चित हो सके और दुर्घटनाओं का खतरा कम हो।
किसानों से फीडबैक लिया जाएगा
आयुक्त ने कहा कि क्षेत्रीय अधिकारियों को यह भी निर्देश दिया गया है कि वे किसानों से मिलकर उनसे फीडबैक लें। इसके माध्यम से किसानों को कोई भी कठिनाई हो तो उसका समाधान जल्द से जल्द किया जा सके।
उत्तर प्रदेश में गन्ने के मूल्य में बढ़ोतरी
उत्तर प्रदेश सरकार ने 2024-25 सत्र के लिए गन्ने के न्यूनतम समर्थन मूल्य (एसएपी) में 20 रुपये की बढ़ोतरी की है। इसके तहत अब रिजेक्टेड प्रजाति के गन्ने का मूल्य 335 रुपये प्रति क्विंटल है, जबकि सामान्य और उन्नत प्रजाति के गन्ने का मूल्य 350 रुपये प्रति क्विंटल निर्धारित किया गया है। केंद्रीय सरकार द्वारा गन्ने का एफआरपी 340 रुपये प्रति क्विंटल तय किया गया है।
उत्तर प्रदेश की चीनी मिलें
उत्तर प्रदेश में कुल 120 चीनी मिलें हैं, जिनमें से 93 मिलें निजी क्षेत्र की हैं, 24 मिलें सहकारी क्षेत्र की हैं, और तीन मिलें राज्य सरकार के चीनी निगम की है।