DAP की कीमतों में जनवरी से हो सकती हैं बढ़ोतरी , किसानों पर पड़ेगा सीधा प्रभाव

By
On:
Follow Us

DAP की कीमतों में बढ़ोतरी की संभावना

कृषि क्षेत्र में यूरिया के बाद सबसे ज्यादा इस्तेमाल होने वाली डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की कीमतों में जनवरी से बढ़ोतरी हो सकती है। वर्तमान में किसानों को 50 किलो का बैग 1350 रुपये में उपलब्ध है, लेकिन जनवरी से इसकी कीमतों में 200 रुपये तक का इजाफा हो सकता है। यह वृद्धि केंद्र सरकार द्वारा दी जा रही विशेष सब्सिडी की समाप्ति के कारण हो सकती है, जो 31 दिसंबर को खत्म हो रही है। यदि सरकार सब्सिडी को जारी नहीं करती है, तो जनवरी से डीएपी की कीमतों में बढ़ोतरी निश्चित मानी जा रही है।

कीमतों में बढ़ोतरी का क्या हैं कारण??

डीएपी के उत्पादन में इस्तेमाल होने वाले फास्फोरिक एसिड और अमोनिया के दामों में हाल ही में 70% तक बढ़ोतरी देखी गई है। इसके अलावा, डालर के मुकाबले रुपये के कमजोर होने से आयात लागत भी बढ़ गई है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में डीएपी की कीमत अब 630 डॉलर प्रति टन हो गई है, जिससे आयात लागत में 1200 रुपये प्रति टन की बढ़ोतरी हो चुकी है। इस बढ़ोतरी के कारण डीएपी की प्रति बैग कीमत में 200 रुपये तक का इजाफा हो सकता है।

डीएपी पर सब्सिडी और किसानों को मिलने वाली राहत

केंद्र सरकार ने 2010 से फास्फेट और पोटाश (पीएंडके) उर्वरकों के लिए पोषक तत्व आधारित सब्सिडी (NBS) योजना की शुरुआत की है। इस योजना के तहत, उर्वरक निर्माता कंपनियों को हर वर्ष सब्सिडी प्रदान की जाती है, ताकि किसानों को सस्ती दरों पर उर्वरक उपलब्ध हो सके। इसके साथ ही, डीएपी (डाय-अमोनियम फॉस्फेट) की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए अतिरिक्त विशेष सब्सिडी भी दी जाती है, जिससे किसानों को समय पर और उचित मूल्य पर यह महत्वपूर्ण उर्वरक मिलता है। इस सब्सिडी योजना के कारण किसानों की लागत में काफी राहत मिलती है, और वे अपनी फसलों के लिए आवश्यक उर्वरक बिना किसी रुकावट के प्राप्त कर सकते हैं।

सब्सिडी समाप्त होने पर क्या होगा?

केंद्र सरकार द्वारा डीएपी पर दी जाने वाली विशेष सब्सिडी की अवधि 31 दिसंबर को समाप्त हो रही है। अगर यह सब्सिडी बढ़ाई नहीं गई तो इसका बोझ सीधे किसानों पर पड़ेगा, जिससे उनकी खेती की लागत में वृद्धि होगी। खासतौर पर रबी सीजन में यह बढ़ी हुई लागत किसानों के लिए एक बड़ी समस्या बन सकती है।

सरकार को सब्सिडी बढ़ाने पर करना चाहिए विचार

विशेषज्ञों का मानना है कि सरकार को किसानों के हित में सब्सिडी की अवधि बढ़ानी चाहिए, ताकि डीएपी की बढ़ी हुई कीमतों का बोझ किसानों पर न पड़े। अगर सब्सिडी बंद हो जाती है, तो यह रबी सीजन के दौरान किसानों के लिए एक चुनौतीपूर्ण स्थिति पैदा कर सकता है।
किसानों की नजर अब सरकार के अगले कदम पर है, क्योंकि डीएपी की कीमतों में संभावित बढ़ोतरी कृषि क्षेत्र को प्रभावित कर सकती है।

For Feedback - patidarpatidar338@gmail.com

Related News

Leave a Comment

WhatsApp Group Link