Mahindra focus on hybrid technology after EV
Mahindra ने इलेक्ट्रिक वाहनों (EV) में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने के बाद अब हाइब्रिड टेक्नोलॉजी के क्षेत्र में कदम बढ़ाने की योजना बनाई है। सूत्रों के अनुसार, कंपनी मजबूत हाइब्रिड से लेकर रेंज एक्सटेंडर तक विभिन्न पावरट्रेन तकनीकों पर काम कर रही है, ताकि अपने पोर्टफोलियो का विस्तार कर सके।
Mahindra XUV 3XO: Preparation for launch with strong hybrid powertrain
Mahindra अपनी कॉम्पैक्ट SUV, XUV 3XO के लिए मजबूत हाइब्रिड सिस्टम पर काम कर रही है। प्रोजेक्ट S226 के तहत विकसित किया जा रहा यह मॉडल 2026 तक बाजार में आ सकता है। खबरों के मुताबिक, कंपनी अपनी 1.2-लीटर, तीन-सिलेंडर टर्बो-पेट्रोल इंजन को हाइब्रिड सेटअप के साथ पेश करने की योजना बना रही है। यह इंजन हाइब्रिड सिस्टम के लिए आवश्यक सभी तकनीकी तत्वों को समायोजित करने में सक्षम होगा।

Mahindra BE 6 and XEV 9e: Research of Range Extender Hybrid
Mahindra अपने मौजूदा INGLO प्लेटफॉर्म पर आधारित BE 6 और XEV 9e जैसे मॉडलों के लिए रेंज एक्सटेंडर हाइब्रिड सिस्टम पर विचार कर रही है। कंपनी ने इन मॉडलों पर तकनीकी विकास और डिज़ाइन का कार्य शुरू कर दिया है। बाजार में इनकी प्रतिक्रिया को देखते हुए अगले 6-8 महीनों में लॉन्च पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा।
रेंज एक्सटेंडर सिस्टम मुख्यतः इलेक्ट्रिक वाहनों को पेट्रोल इंजन के माध्यम से बैटरी चार्ज करने और ड्राइविंग रेंज बढ़ाने में सक्षम बनाता है।
Other manufacturers and future of hybrid vehicles in India
भारत में हाइब्रिड वाहन सेगमेंट में फिलहाल सुझुकी और टोयोटा अग्रणी हैं। उनके मिड-साइज SUV जैसे ग्रैंड विटारा हाइब्रिड और टोयोटा अर्बन क्रूजर हाईराइडर पहले से बाजार में लोकप्रिय हैं। जल्द ही ये कंपनियां C-सेगमेंट में हाइब्रिड पावरट्रेन वाले और मॉडलों को शामिल करने वाली हैं।
दक्षिण कोरियाई कंपनियां ह्युंडई और किआ भी भारतीय बाजार के लिए किफायती हाइब्रिड समाधान विकसित कर रही हैं। इसके अलावा, स्कोडा ऑटो वोक्सवैगन और JSW MG मोटर भी हाइब्रिड विकल्पों पर काम कर रहे हैं, जो 2025 में और अधिक EV विकल्पों के साथ लॉन्च किए जा सकते हैं।
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Demand and prospects of hybrid vehicles in India
पिछले साल, भारत में हाइब्रिड और EV वाहनों की बिक्री लगभग समान थी। EV की बिक्री 90,000 यूनिट रही, जबकि हाइब्रिड वाहनों की बिक्री 85,000 यूनिट तक पहुंची। हालांकि EV को चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी और धीमी गोद लेने की गति के कारण चुनौतियों का सामना करना पड़ा, जिससे कई खरीदार हाइब्रिड वाहनों की ओर रुख कर रहे हैं।
Mahindra के MD और CEO अनिश शाह ने कहा, “हाइब्रिड टेक्नोलॉजी EV की ओर बढ़ने के लिए एक कदम है। यदि हमारे ग्राहक हाइब्रिड वाहनों की मांग करते हैं, तो हम इस दिशा में तेजी से कदम उठाएंगे।”
Mahindra के ऑटोमोटिव और फार्म बिजनेस के कार्यकारी निदेशक राजेश जेजुरीकर का मानना है कि हाइब्रिड वाहनों से EV सेगमेंट को बड़ा खतरा नहीं है। उनका कहना है, “हम हाइब्रिड की मांग को समय के अनुसार देखेंगे और जरूरत पड़ने पर इसे पेश करेंगे।”
Mahindra का यह कदम भारतीय वाहन बाजार में हाइब्रिड और इलेक्ट्रिक वाहनों के बीच एक संतुलन स्थापित करने का प्रयास है। हाइब्रिड तकनीक के बढ़ते महत्व और उपभोक्ताओं की बदलती प्राथमिकताओं को ध्यान में रखते हुए, यह कदम कंपनी को दीर्घकालिक सफलता की ओर ले जा सकता है।
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