भारत में इलेक्ट्रिक वाहनों (EVs) की सफलता के बाद, महिंद्रा अब अपने पावरट्रेन पोर्टफोलियो को मजबूत करने की दिशा में कदम बढ़ा रही है। कंपनी ने विभिन्न हाइब्रिड तकनीकों को अपनाने की योजना बनाई है, जिसमें स्ट्रॉन्ग-हाइब्रिड से लेकर रेंज-एक्सटेंडर तक की तकनीकें शामिल हैं।
Mahindra XUV 3XO will get strong-hybrid powertrain
Mahindra ने अपने कॉम्पैक्ट SUV XUV 3XO के लिए स्ट्रॉन्ग-हाइब्रिड सिस्टम पर काम शुरू कर दिया है। प्रोजेक्ट S226 के तहत यह हाइब्रिड मॉडल 2026 तक लॉन्च होने की उम्मीद है। सूत्रों के मुताबिक, इसमें 1.2 लीटर का तीन-सिलेंडर टर्बो-पेट्रोल इंजन शामिल हो सकता है, जिसे हाइब्रिड सेटअप के साथ जोड़ा जाएगा। यह इंजन पेट्रोल-इलेक्ट्रिक स्ट्रॉन्ग हाइब्रिड बनाने के लिए सभी आवश्यक सिस्टम्स को सपोर्ट करने में सक्षम है।

Mahindra considering range-extender hybrids for BE 6 and XEV 9e
Mahindra अपने INGLO प्लेटफॉर्म पर आधारित M130 और M330 कोडनेम वाले मॉडल्स के लिए रेंज-एक्सटेंडर हाइब्रिड टेक्नोलॉजी पर भी काम कर रही है। यह निर्णय BE 6 और XEV 9e EVs की बाजार प्रतिक्रिया पर निर्भर करेगा। रेंज-एक्सटेंडर वाहन मुख्य रूप से इलेक्ट्रिक होते हैं, जिनमें बैटरी चार्ज करने और ड्राइविंग रेंज बढ़ाने के लिए एक पेट्रोल इंजन का उपयोग किया जाता है।
इन मॉडलों से कंपनी की वार्षिक बिक्री में 40,000 से 50,000 यूनिट तक की वृद्धि होने की संभावना है। हालांकि, महिंद्रा ने इस पर कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया है।
Hybrid strategies of other companies in India
भारत में सुजुकी और टोयोटा हाइब्रिड वाहनों के क्षेत्र में सबसे आगे हैं। उनके मिडसाइज SUV मॉडल, ग्रैंड विटारा हाइब्रिड और टोयोटा अर्बन क्रूजर हाइराइडर, इस सेगमेंट में लोकप्रियता हासिल कर रहे हैं। इसके अलावा, हुंडई और किया जैसी दक्षिण कोरियाई कंपनियां भी भारतीय बाजार के लिए किफायती हाइब्रिड समाधान विकसित कर रही हैं।
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Demand and future of hybrids in India
2024 में EV अपनाने की गति अपेक्षा से धीमी रही, और चार्जिंग इंफ्रास्ट्रक्चर की चुनौतियों के चलते कई खरीदारों ने हाइब्रिड या पारंपरिक इंजन वाले वाहनों की ओर रुख किया। 2024 में EV वाहनों की बिक्री 90,000 यूनिट्स तक पहुंची, जबकि हाइब्रिड्स ने 85,000 यूनिट्स की बिक्री की।
Mahindra के अनुसार, हाइब्रिड तकनीक EVs की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। महिंद्रा के एमडी और सीईओ, अनिश शाह ने कहा, “यदि हाइब्रिड वाहनों की मांग में बदलाव होता है और हमारे ग्राहक इसे पसंद करते हैं, तो हम इस क्षेत्र में तेजी से कदम बढ़ाएंगे।”
Mahindra ऑटोमोटिव के सीईओ, राजेश जेजुरीकर का मानना है कि भारत में हाइब्रिड्स EVs के लिए कोई बड़ी चुनौती नहीं पेश करेंगे। उन्होंने कहा, “हम देख रहे हैं कि हाइब्रिड ग्राहक हमें किसी भी बड़े सेगमेंट में नुकसान नहीं पहुंचा रहे हैं। सही समय पर, आवश्यकता के अनुसार, हम हाइब्रिड्स पर विचार करेंगे।”
Mahindra का हाइब्रिड्स के क्षेत्र में प्रवेश भारतीय SUV बाजार में एक नई क्रांति ला सकता है। जबकि EVs और हाइब्रिड्स के बीच प्रतिस्पर्धा बढ़ रही है, ग्राहकों के लिए यह एक नया और पर्यावरण-अनुकूल विकल्प पेश करेगा।