कम बारिश होने पर मुंगफली की पैदावार में कमी , किसान भाई अपनाए ये वैज्ञानिक उपाय

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कम बारिश से मूंगफली की पैदावार पर होने वाले प्रभाव

खरीफ के सीजन में मूंगफली भी एक मुख्य फसल है। मूंगफली की खेती कई राज्य में की जाती है, किंतु इस वर्ष बारिश की अनियमितता की वजह से मूंगफली के पैदावार को लेकर किसान चिंतित हैं। कम बारिश की स्थिति में मूंगफली की फसल पूर्ण रूप से प्रभावित होती है। हमारे देश के कुछ हिस्सों को छोड़कर देखा जाए तो अधिकांश राज्य में सूखा है। अगस्त के माह में बारिश कम होने के कारण खेत सूखे हैं जिससे फसल को नुकसान हो रहा है। किसान भाई नुकसान के कारण चिंतित हैं। बारिश न होने से मिट्टी में दरारें आ गई हैं और इसी कारण मूंगफली के पैदावार में बड़ी गिरावट हो सकती है। अगस्त के माह में मूंगफली की फसल में फलियां आने लगती हैं और यदि इस समय मूंगफली में उचित सिंचाई न हो और देखभाल न की जाए, तब फसल के पैदावार कम हो सकती है।

बारिश की कमी को दूर करने के उपाय

मूंगफली की फसल में बुवाई के 35 से 40 दिन के पश्चात फूल बनने के बाद फलियां बनने की अवस्था होती है, किंतु बारिश कम होने के कारण और सूखे की स्थिति में मूंगफली की पैदावार कम होती है। यदि मूंगफली में फलिया बन चुकी हो, तब पौधों की जड़ के चारों ओर मिट्टी चढ़ा दें जिससे फलियों का विकास उचित रूप से हो जाएगा और फसल की पैदावार में भी प्रभाव नहीं होगा। यदि फसल में सही समय में बारिश न हो, तो किसान भाई सिंचाई की व्यवस्था करें। यदि मूंगफली की फसल में बोरॉन की कमी हो, तो इस रसायन का प्रयोग करें। इसके लिए 0.2% बोरेक्स के घोल का छिड़काव करें और वही जिंक की कमी होने पर 0.25% चुने और 0.5% जिंक सल्फेट का प्रयोग करें।

कैसे बढ़ाएं मूंगफली की पैदावार?

इस वर्ष बारिश में कमी से हुई फसल के नुकसान से बचने के लिए किसान भाई कुछ उपाय अपनाएं जिससे मूंगफली की पैदावार पर कोई प्रभाव न पड़े। किसान भाई फसल की बुवाई के 1 सप्ताह पश्चात 100 लीटर पानी में 6 मिलीलीटर इथरेल मिलाकर छिड़काव करें और फसल की बुवाई के 40 दिन पश्चात लगभग 100 लीटर पानी में इंडोल एसिटिक एसिड 0.7 ग्राम मात्रा को 7 मिली एल्कोहल में घोलकर फसल पर छिड़काव करें, इससे मूंगफली के पैदावार में वृद्धि हो सकती है।

मुंगफली की फसल में कीट और रोगों से बचाव के उपाय

मूंगफली की फसल में कीट और रोगों का भी प्रकोप होता है। किसान भाई मूंगफली की फसल में किसी भी रोग से संबंधित सलाह के लिए और रसायनों के प्रयोग से पूर्व कृषि विशेषज्ञों की सलाह लें, उसके पश्चात ही कीटनाशकों का प्रयोग करें। मूंगफली की फसल को कीट और रोगों से बचाने के लिए कुछ उपाय इस प्रकार हैं:

  • मूंगफली की फसल में दीमक कीट पर नियंत्रण के लिए प्रति हेक्टेयर में लगभग क्लोरोपायरीफास 20 EC की 4 लीटर मात्रा या फोरेट 10G की 10 किग्रा मात्रा का छिड़काव करना चाहिए।
  • मूंगफली में टिक्का रोग पर नियंत्रण के लिए खड़ी फसल में प्रति हेक्टेयर में लगभग 1000 लीटर पानी में जिनेब 75% की 2.5 किलोग्राम का घोल का छिड़काव प्रत्येक 10 दिन में 2 से 3 बार करना चाहिए।
  • मूंगफली की फसल में कॉलर रॉट रोग पर नियंत्रण के लिए मैंकोजेब और कार्बेंडाजिम जैसे फफूंदनाशक का छिड़काव करें।

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