धान खरीद में नया रिकॉर्ड..
देश में धान खरीद का सीजन तेजी से आगे बढ़ रहा है। किसानों और सरकार दोनों के लिए यह साल ऐतिहासिक साबित हो सकता है। 2024-25 के खरीफ सीजन में अब तक तय लक्ष्य का 64 प्रतिशत धान खरीदा जा चुका है। खासतौर पर पंजाब और हरियाणा ने इस प्रक्रिया में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। वहीं, उत्तर प्रदेश के किसानों को बड़ी राहत देते हुए केंद्र सरकार ने धान खरीद की समय सीमा फरवरी तक बढ़ा दी है।इस सीजन में धान खरीद और चावल उत्पादन दोनों में ऐतिहासिक वृद्धि दर्ज की गई है।
कृषि मंत्रालय के मुताबिक, इस साल खरीफ चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 119.93 मिलियन टन तक पहुंच सकता है, जो पिछले साल के 113.26 मिलियन टन के मुकाबले काफी ज्यादा है। यह बढ़ोतरी मानसून की अच्छी बारिश और बेहतर कृषि प्रबंधन के कारण संभव हुई है।
देश में धान खरीद का मौजूदा सीजन (2024-25) किसानों के लिए बड़ी राहत और सरकार के लिए उपलब्धियों भरा रहा है। अब तक सरकार ने 48.3 मिलियन टन धान की खरीद कर ली है, जो पिछले साल की तुलना में मामूली अधिक है। इस उपलब्धि के पीछे पंजाब, हरियाणा, छत्तीसगढ़, तेलंगाना, और उत्तर प्रदेश जैसे राज्यों का बड़ा योगदान है।
राज्यों में एमएसपी पर खरीद के आंकड़ों में बढ़ोतरी
केंद्र सरकार और राज्य एजेंसियों ने विभिन्न राज्यों से किसानों की उपज न्यूनतम समर्थन मूल्य (MSP) पर खरीदी है:
- पंजाब: 17.35 मिलियन टन
- छत्तीसगढ़: 8.89 मिलियन टन
- हरियाणा: 5.37 मिलियन टन
- तेलंगाना: 4.26 मिलियन टन
- उत्तर प्रदेश: 3.86 मिलियन टन
- मध्य प्रदेश: 2.48 मिलियन टन
- ओडिशा: 1.28 मिलियन टन
हालांकि पंजाब में भंडारण की कमी के कारण शुरुआत धीमी रही, लेकिन केंद्र सरकार द्वारा अधिशेष चावल की निकासी के साथ खरीद में तेजी आई।
भंडारण और केंद्रीय पूल का विस्तार
धान खरीद ने केंद्रीय पूल चावल स्टॉक को मजबूत किया है, जो इस समय 60.59 मिलियन टन है। यह बफर स्टॉक के मानदंडों से कई गुना अधिक है। एफसीआई और राज्य एजेंसियों के पास अभी 28.65 मिलियन टन चावल का स्टॉक है, जबकि 31.94 मिलियन टन चावल मिलर्स से प्राप्त होना बाकी है।
चावल उत्पादन में ऐतिहासिक उछाल
कृषि मंत्रालय ने अनुमान लगाया है कि इस साल खरीफ चावल का उत्पादन रिकॉर्ड 119.93 मिलियन टन तक पहुंच सकता है। यह पिछले साल के 113.26 मिलियन टन की तुलना में काफी अधिक है। अच्छी बारिश और बेहतर कृषि प्रबंधन के कारण यह वृद्धि संभव हो सकी है।
किसानों को मिलेगी बेहतर कीमत
केंद्र सरकार ने अक्टूबर से दिसंबर के बीच 492.11 लाख टन खरीद का लक्ष्य रखा था, जिसमें से 313.13 लाख टन की खरीद पहले ही पूरी हो चुकी है। इस बार खरीद में 4.3 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है। किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य मिल सके, इसके लिए राज्य सरकारें भी सक्रिय हैं।
गरीबों और खाद्य सुरक्षा को मिलेगा लाभ
एफसीआई प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना के तहत सालाना 38 मिलियन टन चावल की आपूर्ति करता है। इसके अलावा, खरीफ सीजन की कुल चावल खरीद का 80% पूर्वी और दक्षिणी राज्यों में दिसंबर में शुरू होगा।
किसानों के लिए राहत और बढ़े अवसर
उत्तर प्रदेश में खरीद प्रक्रिया फरवरी तक जारी रहने से किसानों को न केवल अपनी फसल बेचने का अधिक समय मिलेगा, बल्कि उनकी आय में भी इजाफा होगा। तेलंगाना, महाराष्ट्र, और अन्य राज्यों में भी खरीदारी के आंकड़े लगातार बढ़ रहे हैं।
धान की रिकॉर्ड पैदावार और सरकारी खरीद में तेजी से देश के किसानों को नई ऊर्जा और आत्मनिर्भरता की ओर बढ़ने का अवसर मिल रहा है। इस पहल से न केवल किसानों को लाभ होगा, बल्कि देश की खाद्य सुरक्षा भी मजबूत होगी।