कपास किसानों के लिए राहत की खबर : सिंचाई के लिए केंद्र पास कर सकती है बड़ा बजट , आधुनिक सिंचाई तकनीक से बढ़ेगी पैदावार

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कपास के किसानों को मिलेगा मॉर्डन सिंचाई तकनीक का फायदा

कपास किसानों के लिए अच्छी खबर है, क्योंकि भारतीय कपास संघ (CAI) ने केंद्र से 500 करोड़ रुपये का बजट जारी करने की मांग की है, जिससे किसानों को आधुनिक और कम खर्चीली सिंचाई तकनीकों का लाभ मिलेगा। इस बजट का उपयोग ड्रिप सिंचाई जैसे उन्नत सिंचाई प्रणालियों को लागू करने के लिए किया जाएगा, ताकि किसानों को सिंचाई की समस्याओं और खर्चों में कमी आ सके।

कपास की खेती में सिंचाई की समस्या

कपास उत्पादन में हाल के वर्षों में गिरावट आई है, खासकर बेमौसम बारिश और कीटों के हमलों के कारण। इस बार खरीफ सीजन में कपास का रकबा पिछले साल के मुकाबले लगभग 10% घट गया है, जिसका मुख्य कारण किसानों को सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी न मिल पाना है। भारतीय कपास संघ का कहना है कि खासकर बारिश आधारित क्षेत्रों में कपास की फसल को सही समय पर पानी नहीं मिल पाता, जब उसे फूलने और फलने के लिए ज्यादा पानी की जरूरत होती है। इन परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, कपास संघ ने केंद्र सरकार से 500 करोड़ रुपये का बजटीय समर्थन देने की मांग की है, ताकि ड्रिप सिंचाई प्रणाली को बढ़ावा दिया जा सके।

भारत के अधिकांश कपास उत्पादन क्षेत्र बारिश पर निर्भर

भारत में लगभग 67% कपास का उत्पादन बारिश आधारित क्षेत्रों से होता है। इनमें से अधिकांश क्षेत्र जैसे महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, कर्नाटक और गुजरात में कपास की खेती बारिश पर निर्भर करती है, जिससे फसल की उत्पादकता कम होती है। इन क्षेत्रों में पानी की उपलब्धता कम होने के कारण कपास की खेती पर बुरा असर पड़ता है। कपास संघ ने कहा कि यदि सरकार किसानों को ड्रिप सिंचाई जैसे तकनीकी उपायों के लिए सहायता प्रदान करती है, तो यह उत्पादन में सुधार लाने के साथ-साथ उनके खर्चे को भी कम करेगा।

कपास किसानों के लिए 500 करोड़ रुपये की बजट सहायता

कपास संघ ने सरकार से आग्रह किया है कि वह किसानों के खेतों में ड्रिप सिंचाई प्रणाली स्थापित करने के लिए कम से कम 500 करोड़ रुपये का बजटीय समर्थन जारी करे, ताकि वे उन्नत सिंचाई तकनीक का लाभ उठा सकें। ड्रिप सिंचाई तकनीक की स्थापना की लागत अधिक होने के कारण, इस बजटीय सहायता से किसानों को सिंचाई की समस्या से निजात मिल सकती है और कपास की पैदावार में भी वृद्धि हो सकती है।
कपास संघ के अध्यक्ष अतुल एस गनात्रा ने कहा, “कपास की खेती के लिए पर्याप्त पानी न मिल पाना सबसे बड़ी समस्या है। इस समय में, जब फसल को सबसे ज्यादा पानी की जरूरत होती है, बारिश पर निर्भर क्षेत्रों में किसानों को पानी की कमी का सामना करना पड़ता है। ड्रिप सिंचाई जैसी तकनीक इससे निपटने का सबसे प्रभावी तरीका हो सकती है।”

सरकार से जल्द बजट को मंजूरी देने की अपील

कपास संघ ने सरकार से जल्द से जल्द इस बजट को मंजूरी देने की अपील की है, ताकि कपास किसानों को इस सीजन में राहत मिल सके। यह कदम कपास उत्पादन को बढ़ाने और किसानों की आय सुधारने के लिए महत्वपूर्ण हो सकता है, जिससे वे खेती में आने वाली समस्याओं से उबर सकें।

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