जानिए , सरसों की खेती करने वाले किसानों के लिए जरूरी सुझाव
रबी सीजन की फसलों की बुवाई अब अंतिम चरण में पहुंच चुकी है। तिलहनी फसलों की बुवाई लगभग पूरी हो चुकी है। ऐसे में जिन किसानों ने सरसों, राई, तोरिया या लाही की बुवाई की है, उनके लिए कृषि विशेषज्ञों की ओर से दिसंबर माह के लिए कुछ महत्वपूर्ण सलाह दी गई है, जिससे वे कम लागत में सरसों समेत अन्य तिलहनी फसलों की अधिक पैदावार प्राप्त कर सकें। यह सलाह भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (ICAR) द्वारा जारी की गई है।
किसान अब इन किस्मों के बीजों की बुवाई कर सकते हैं
जो किसान अब तक सरसों की बुवाई नहीं कर पाए हैं, वे मध्य दिसंबर तक सरसों की बुवाई कर सकते हैं। इसके लिए किसान सरसों की किस्में पूसा सरसों 25, पूसा सरसों 26 और पूसा सरसों 28 का चयन कर सकते हैं। ये किस्में कम समय में तैयार हो जाती हैं और देर से बुवाई करने पर भी अच्छी पैदावार देती हैं।
पाले से फसलों की सुरक्षा के उपाय
दिसंबर में कोहरे और पाले की संभावना रहती है, खासकर महीने के अंत में तापमान में तेजी से गिरावट आती है। पाला सरसों और अन्य फसलों के लिए नुकसानदायक हो सकता है। इस स्थिति से बचने के लिए किसान रासायनिक उपाय के रूप में डाइमिथाइल सल्फो ऑक्साइड का 0.2 प्रतिशत या थायो यूरिया का 0.1 प्रतिशत छिड़काव कर सकते हैं। इसके अलावा, पाला पड़ने पर हल्की सिंचाई से भी नुकसान को कम किया जा सकता है।
कब करें सरसों की फसल में सिंचाई??
सरसों की सिंचाई बुवाई के 50 से 60 दिन बाद करनी चाहिए। यदि दो सिंचाई की सुविधा हो तो पहली सिंचाई बुवाई के 40 से 50 दिनों के बाद करें, और दूसरी सिंचाई 90 से 100 दिनों के बाद की जा सकती है। तीन सिंचाई की स्थिति में, पहली सिंचाई 30 से 35 दिन बाद करें, और फिर दूसरी और तीसरी सिंचाई भी 30 से 35 दिन के अंतराल में करें। बुवाई के लगभग दो महीने बाद, फलियों में दाना भरते समय सिंचाई करना फायदेमंद होता है, क्योंकि इससे तेल की मात्रा बढ़ जाती है।
सरसों को खरपतवार से मुक्त करने के उपाय
सरसों को खरपतवार से मुक्त रखने के लिए फसल के 20 से 25 दिनों में एक बार निराई-गुड़ाई करें। इससे सरसों की फसल जल्दी तैयार होती है। इसके अलावा, खरपतवार नियंत्रण के लिए आप रासायनिक उपाय भी अपना सकते हैं। बुवाई से पहले फ्लुक्लोरेलिन (45 ई.सी.) का 2.2 लीटर प्रति हैक्टेयर 600 से 800 लीटर पानी में घोलकर छिड़काव करें, या बुवाई के बाद लेकिन अंकुरण से पहले पेंडीमेथिलिन (30 ई.सी.) का 3.3 लीटर प्रति हैक्टेयर 600 से 800 लीटर पानी में मिलाकर छिड़काव कर सकते हैं। बुवाई के 15 से 20 दिन के भीतर घने पौधों को निकालकर उनकी आपसी दूरी 15 सेमी रखें। साथ ही, किसानों को सरसों के कीट और रोगों का नियंत्रण भी करना चाहिए। इसके लिए कीटनाशक दवाओं का प्रयोग कृषि विभाग की सलाह और देखरेख में करना चाहिए।