लहसुन की खेती क्यों करना चाहिए??
कृषि की बात करें तो वर्तमान में किसान भाई परंपरागत खेती के अतिरिक्त अन्य खेती की और भी ध्यान देने लगे हैं।किसान भाई तिलहन की फसल , दलहन की फसल , नकदी फसल और व्यावसायिक फसलों की खेती भी करने लगे हैं।इसी क्रम में यदि खेती को व्यवसाय के रूप में किया जाए तब यह अच्छी कमाई देने वाले साबित हो सकती है।हमारे देश में युवा किसान व्यावसायिक खेती करना ज्यादा पसंद कर रहे हैं।यदि हमारे देश के युवा किसान द्वारा सही फसल का चयन करके खेती की जाए तो अच्छा लाभ प्राप्त हो सकता है।लहसुन खाने में उपयोग की जाने वाली फसल है इसके बिना कोई भी सब्जी बनाना संभव नहीं होता है।लहसुन का उपयोग अधिकांश मसालों और आयुर्वेदिक दवाइयों में किया जाता हैं।लहसुन की बाजार मांग भी बहुत होती हैं।जितना लहसुन खाने में उपयोग होती है उसी प्रकार इसकी खेती से किसान भाई काफी अच्छी लाभ आय प्राप्त कर सकते हैं।किसान भाई के लिए अक्टूबर का माह लहसुन की खेती के लिए उचित होता है।इस सीजन में लहसुन के कंद का निर्माण उचित रूप से हो जाता हैं।लहसुन की खेती 6 महीने में अच्छी कमाई दे सकती है।लहसुन की खेती पर 50 हजार की लागत के साथ 6 माह में लगभग 8 से 12 लाख रुपए तक की कमाई की जा सकती है।आइए , लहसुन की उन्नत खेती से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।
लहसुन की खेती से संबंधित राज्य
लहसुन की खेती भारत के सभी क्षेत्रों में की जाती हैं किंतु लहसुन की खेती के लिए उपयुक्त राज्य मध्यप्रदेश , उत्तर प्रदेश , पंजाब , हरियाणा और उत्तराखंड आदि।
लहसुन की उन्नत किस्में
(1) सोलन किस्म
लहसुन की सोलन किस्म के विकास का श्रेय हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय को जाता हैं।लहसुन की सोलन किस्म में पौधे की पत्तियों का आकार लंबा और चौड़ा होता हैं।पत्तियों का रंग गहरा होता हैं।लहसुन की सोलन किस्म अधिक पैदावार देने वाली किस्म हैं।लहसुन की सोलन किस्म में गांठों में चार पुत्तियां होती है और मोटी होती हैं l
(2) IC-42891 किस्म
लहसुन की IC-42891 किस्म के विकास का श्रेय भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान(नई दिल्ली) को जाता हैं।लहसुन की IC-42891 किस्म अधिक पैदावार देने वाली किस्म हैं।लहसुन की IC-42891 किस्म के पकने की अवधि लगभग 160 से 180 दिन हैं।
(3) IC-49381 किस्म
लहसुन की IC-49381 किस्म के विकास का श्रेय भारतीय कृषि अनुसन्धान संस्थान को जाता हैं।लहसुन की IC-49381 किस्म अधिक पैदावार देने वाली किस्म हैं।लहसुन की IC-49381 किस्म के पकने की अवधि लगभग 160 से 180 दिन हैं।
(4) यमुना (-1 G)सफेद किस्म
लहसुन की यमुना (-1 G)सफेद किस्म पूरे भारत में उगाई जा सकने वाली किस्म है।लहसुन की यमुना (-1 G)सफेद किस्म को भारतीय सब्जी सुधार परियोजना के द्वारा पूरे भारत में उगाने के लिए संस्तुति की जा चुकी हैं।लहसुन की यमुना (-1 G)सफेद किस्म से प्राप्त पैदावार लगभग 150 से 175 क्विंटल हैं।लहसुन की यमुना (-1 G)सफेद किस्म के पकने की अवधि लगभग 150 से 160 दिन हैं।
(5) यमुना सफेद 2 (G 50) किस्म
लहसुन की यमुना सफेद 2 (G 50) किस्म के लिए उपयुक्त क्षेत्र मध्यप्रदेश है।लहसुन की यमुना सफेद 2 (G 50) किस्म झुलसा रोग और बैंगनी धब्बा के प्रति सहनशील हैं।लहसुन की यमुना सफेद 2 (G 50) किस्म से प्राप्त पैदावार लगभग 150 से 155 क्विंटल हैं।लहसुन की यमुना सफेद 2 (G 50) किस्म के पकने की अवधि लगभग 160 से 170 दिन हैं।
(6) एग्री फाउंड व्हाईट (41 G) किस्म
लहसुन की एग्री फाउंड व्हाईट (41 G) किस्म के लिए उपयुक्त क्षेत्र मध्यप्रदेश , गुजरात , महाराष्ट्र और कर्नाटक है।लहसुन की एग्री फाउंड व्हाईट (41 G) किस्म अखिल भारतीय समन्वित सब्जी सुधार परियोजना के द्वारा इन क्षेत्रों में उगाने के लिए संस्तुति की जा चुकी हैं।हैं।लहसुन की एग्री फाउंड व्हाईट (41 G) किस्म से प्राप्त पैदावार लगभग 130 से 140 क्विंटल हैं।लहसुन की एग्री फाउंड व्हाईट (41 G) किस्म के पकने की अवधि लगभग 150 से 160 दिन हैं।
(7) G-1 और G-17 किस्म
लहसुन की G-1 और G-17 किस्म की खेती अधिकांश रूप से उत्तरप्रदेश और हरियाणा के किसानों द्वारा किया जा रहा है।लहसुन की G-1 और G-17 किस्म की खुदाई अप्रैल और मई के महीने में की जाती हैं।लहसुन की G-1 और G-17 किस्म से प्राप्त पैदावार लगभग 8 से 9 टन हैं।लहसुन की G-1 और G-17 किस्म के पकने की अवधि लगभग 160 से 180 दिन हैं।
(8) G 282 किस्म
लहसुन की G 282 किस्म के शल्क कंद का आकार बड़ा और रंग सफेद होता हैं।लहसुन की G 282 किस्म से प्राप्त पैदावार लगभग 175 से 200 क्विंटल हैं।लहसुन की G 282 किस्म के पकने की अवधि लगभग 140 से 150 दिन हैं।
(9) टाइप 56-4 किस्म
लहसुन की टाइप 56-4 किस्म के विकास का श्रेय पंजाब कृषि विश्वविद्यालय को जाता हैं।लहसुन की टाइप 56-4 किस्म के गांठों का आकार छोटा और रंग सफेद होता हैं।लहसुन की टाइप 56-4 किस्म में गांठों में 25 से 34 पुत्तियां होती है।लहसुन की टाइप 56-4 किस्म से प्राप्त पैदावार लगभग 15 से 20 टन हैं।
लहसुन की खेती में मिट्टी और जलवायु का निर्धारण
- लहसुन की खेती के लिए मिट्टी की बात करें तो लहसुन की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी जैविक पदार्थों से युक्त दोमट मिट्टी होना चाहिए।
- लहसुन की खेती के लिए जलवायु की बात करें तो लहसुन की खेती के लिए उपयुक्त जलवायु मध्यम ठंडी जलवायु होती हैं।
लहसुन की खेती में खेत कैसे तैयार करें??
लहसुन की खेती के लिए नवंबर का माह उचित होता हैं।लहसुन की उन्नत खेती में खेत तैयार करने के लिए कल्टीवेटर या देशी हल की सहायता से 2 से 3 गहरी जुताई करें।खेत को समतल बनाने के लिए पाटा का प्रयोग करें।लहसुन की बुवाई के लिए खेत में सिंचाई हेतु नालियों और क्यारियों का निर्माण करें।
लहसुन में बुवाई और सिंचाई कैसे की जाए??
लहसुन में बुवाई की प्रक्रिया का ज्ञान होना भी आवश्यक हैं।लहसुन की खेती में अधिक उपज उत्पादन के लिए बुवाई की डबलिंग विधि का प्रयोग करना चाहिए।लहसुन के अधिक उत्पादन के लिए प्रति एकड़ डेढ़ से दो क्विंटल स्वस्थ कलियां का उपयोग होता हैं।यदि दूरी की बात करें तो पौधों की आपसी दूरी लगभग 7.5 सेमी और पंक्तियों की आपसी दूरी लगभग 15 सेमी होना चाहिए।लहसुन की बुवाई 5 सेमी गहराई में करना चाहिए।
लहसुन की फसल में 10 से 15 दिन के अंतराल में सिंचाई करना चाहिए ताकि लहसुन की गांठ अच्छी तरह से विकसित हो सके।
लहसुन की खेती में लागत
लहसुन की खेती में बीज(लहसुन की गांठ) के लिए प्रति एकड़ लगभग 5 हजार रुपए की लागत लगती हैं वहीं प्रति हेक्टेयर लगभग 12 हजार रुपए की लागत लगती हैं।प्रति हेक्टेयर बीज में 12 से 13 हजार की लागत आती हैं।लहसुन की खेती में खाद , मजदूरी और अन्य सभी को मिलाकर 50 से 60 हजार की लागत आती हैं।
लहसुन से प्राप्त कमाई
लहसुन की खेती में प्रति हेक्टेयर यदि 8 टन(8000 किग्रा)उत्पादन प्राप्त हो तब यदि प्रति किलोग्राम 100 रुपए के हिसाब से कमाई की बात करें तो कमाई प्रति हेक्टेयर 8 टन के अनुसार 8 लाख तक प्राप्त हो सकते हैं।
यदि संपूर्ण लागत 1 लाख तक हो तब भी 7 लाख तक का शुद्ध मुनाफा प्राप्त कर सकते हैं।
लहसुन को प्रोसेस करके विक्रय करें
लहसुन की खेती में अच्छी कमाई करना हो तब लहसुन को प्रोसेस(पेस्ट और मसाला तैयार करना)करके विक्रय करें।यदि लहसुन के प्रारम्भिक उपज में 10% ही प्रोसेस करके विक्रय करें तो पूरे उपज के मुनाफे का 50% तक प्राप्त किया जा सकता हैं।