सरकार द्वारा नकली खाद-बीज और कीटनाशकों पर रोकथाम के लिए कड़े उपाय
हमारे देश में किसान भाई प्रत्येक वर्ष रबी, खरीफ और जायद के मौसम में फसलों से अच्छी उपज प्राप्त करने के लिए खाद-बीज और कीटनाशक के प्रयोग में एक बड़ी लागत लगा देते हैं। किसानों को बुवाई से पूर्व अधिक उत्पादन का दावा करके कंपनियों द्वारा बीजों का विक्रय किया जाता है किंतु जब फसल से उत्पादन प्राप्त होता है तब कम उत्पादन प्राप्त होता है। इससे किसान भाइयों को बड़े नुकसान का सामना करना पड़ता है। इस प्रकार की धोखाधड़ी से प्रत्येक वर्ष लाखों किसानों को नुकसान होता है। किसानों को कृषि में खाद-बीज और कीटनाशकों को उपलब्ध कराने के लिए लगभग 10 हजार कंपनियां कार्यरत हैं इसके पश्चात भी बड़ी मात्रा में किसानों की फसल में नकली खाद-बीज और कीटनाशक के कारण नुकसान हो जाता है।
हमारे देश में मध्यप्रदेश, उत्तरप्रदेश, आंध्रप्रदेश, महाराष्ट्र, कर्नाटक, हरियाणा और पश्चिम बंगाल में नकली खाद-बीज और कीटनाशक की बिक्री में धोखाधड़ी से संबंधित मामले अधिक सामने आते हैं। किसानों की इस समस्या को ध्यान में रखते हुए केंद्र सरकार ने कीटनाशकों के फर्जीवाड़े और धोखाधड़ी पर रोक लगाने के लिए 7 हजार से अधिक कंपनियों के पंजीकरण (Registration) रद्द कर दिए हैं। इसके अतिरिक्त सरकार द्वारा इस फर्जीवाड़े की रोकथाम के लिए और भी प्रयास किए जा रहे हैं। आइए, नकली खाद-बीज व कीटनाशक पर रोकथाम के सरकार के प्रयास से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।
देश में 30% नकली कीटनाशक, ऐसे होता है नुकसान
हमारे देश में प्रत्येक राज्य के किसान भाई नकली कीटनाशकों की समस्या से चिंतित हैं। भारतीय वाणिज्य उद्योग महासंघ (Federation of Indian Chambers of Commerce and Industry) (FICCI) के अध्ययन के अनुसार हमारे देश में नकली कीटनाशकों की कुल मात्रा 30% तक है जिसकी बिक्री की जा रही है। प्रत्येक वर्ष इस नकली कीटनाशकों के आंकड़े में वृद्धि हो रही है। नकली कीटनाशकों की बिक्री करने वाले ठगों द्वारा पहले असली उत्पाद को खरीदा जाता है फिर उसमें कुछ दूसरे रसायनों को मिलाकर पतला कर दिया जाता है। इसके पश्चात् इस पतले रसायन को दूसरी कंपनी के नाम से, असली कंपनी के समान ही कम मूल्य में बिक्री की जाती है। किसान भाई कम मूल्य के चक्कर में इन उत्पादों को खरीद लेते हैं। जब इन उत्पादों का प्रयोग करने से खेती में सही परिणाम प्राप्त नहीं हो पाते हैं तब किसान भाई दूसरी कंपनी के उत्पादों को खरीदकर खेत में प्रयोग करते हैं। इससे किसान को आर्थिक नुकसान होने के साथ ही मिट्टी में अधिक कीटनाशकों का प्रयोग होने से हमारे स्वास्थ्य और मिट्टी की उर्वरा शक्ति दोनों पर हानिकारक प्रभाव पड़ता है। ज्यादा मात्रा में कीटनाशक का प्रयोग स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है।
सरकार ने कीटनाशक कंपनियों के लिए किए सख्त नियम
किसान भाई खाद-बीज और कीटनाशक के प्रयोग में एक बड़ी लागत लगा देते हैं। किसान भाइयों द्वारा कृषि में बड़ी लागत लगाने के पश्चात भी कृषि के अच्छे परिणाम प्राप्त नहीं हो पा रहे हैं जिससे उत्पादन पर प्रभाव हो रहा है। फसल का उत्पादन प्रभावित होने से किसान भाइयों को नुकसान का सामना करना पड़ रहा है। इससे संबंधित शिकायत सरकार के सामने काफी समय से की जा रही हैं। केंद्र सरकार ने इन शिकायतों पर कार्रवाई करते हुए सख्त नियम बनाए हैं। सरकार ने कीटनाशक की बिक्री में पारदर्शिता लाने के लिए कीटनाशक कंपनियों के लिए KYC का नियम बनाया है। अब कीटनाशक की बिक्री करने वाली कंपनियों को अपनी KYC करनी होगी जिससे सरकार के पास प्रत्येक कंपनी की संपूर्ण जानकारी होगी और नकली कीटनाशकों की बिक्री से संबंधित कोई शिकायत मिलने पर तुरंत कार्रवाई की जाएगी। इससे नकली खाद-बीज और कीटनाशक की बिक्री की रोकथाम होगी।
KYC अनिवार्य होने के पश्चात् 7 हजार कंपनियों के पंजीकरण रद्द
दवा कंपनियों को अपना व्यवसाय करने के लिए केंद्रीय कीटनाशक बोर्ड और पंजीकरण समिति (CIBRC) से पंजीकरण कराना अनिवार्य होता है। यदि कोई कंपनी पंजीकरण नहीं करवाती है तो वह कंपनी कानूनी रूप से व्यवसाय नहीं कर सकती है। अब सरकार द्वारा इसमें और सख्त नियम भी लागू कर दिए गए हैं। सरकार ने कीटनाशक की बिक्री में पारदर्शिता लाने के लिए कीटनाशक कंपनियों के लिए KYC का नियम बनाया है। जो कंपनी KYC के नियम को पूर्ण करने में सफल होगी उस कंपनी का पंजीयन (Registration) रद्द कर दिया जाएगा। सरकार के KYC से संबंधित नियम के पश्चात अब कार्रवाई प्रारंभ हो गई है। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक अब देश में KYC के नियम का पालन करने वाली लगभग 2584 कीटनाशक कंपनियां ही शेष हैं क्योंकि सरकार ने KYC नहीं करने वाली 7 हजार से अधिक दवा कंपनियों के पंजीकरण रद्द कर दिए हैं।
KYC में असफल कंपनियां अपने उत्पाद की बिक्री नहीं कर पाएंगी
राज्य सरकार द्वारा निर्देश दिया गया है कि जिन कंपनियों के पंजीकरण रद्द हुए हैं उनके उत्पादों की बिक्री नहीं होगी। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक जो दवा कंपनियां KYC के नियम को पूर्ण करने में असफल हुई हैं उनके पंजीयन (Registration) को रद्द कर दिया गया होगा और उन्हें अपने उत्पादों की बिक्री करने में कठिनाई होगी। जब ये रद्द कंपनियां KYC के नियम को पूर्ण करने में सफल होगी तब उनका पंजीकरण फिर से औपचारिक कर दिया जाएगा और वे कंपनियां अपने उत्पादों की बिक्री कर पाएगी।
नकली खाद-बीज और कीटनाशक की खरीद से बचने के लिए इन बातों का रखें ध्यान
नकली खाद-बीज और कीटनाशक की खरीद से बचने के लिए किसान भाई इन बातों का ध्यान रखें। ध्यान रखने वाली मुख्य बातें इस प्रकार हैं:
- खाद-बीज, कीटनाशक और पौध संरक्षण दवा की खरीद आधिकारिक लाइसेंस विक्रेताओं से ही करें।
- खरीदे गए उत्पाद पर सही लेबल होना चाहिए। लेबल स्पष्ट रूप से क्रियाशील तत्वों और नामों की पहचान करता हो। लेबल पर EPA पंजीकरण संख्या प्रदर्शित हो।
- कभी भी ऐसे कीटनाशकों की खरीद ना करें जिस पर अंग्रेजी-हिंदी में निर्देश ना लिखे हों।
- खरीदे गए उत्पादों का पक्का बिल अवश्य प्राप्त करें जिस पर किसान और दुकानदार दोनों के हस्ताक्षर होने चाहिए। खरीद बिल पर बैच नंबर, सामग्री का नाम व्यवस्थित रूप से लिखे होने चाहिए।
- खाद-बीज और कीटनाशक का प्रयोग सिफारिश के आधार पर ही करना चाहिए।
- यदि आपको लगता हो कि खरीदे गए उत्पाद विक्रेता ने नकली दिए हों तब इससे संबंधित जानकारी सूचना विभागीय अधिकारियों को दें।
- उपयोग किए गए खाद लेबल के साथ खाली बोतल, बीज और कीटनाशक के टैग एवं थैलों और बोरियों को संभाल कर रखें ताकि विवाद की स्थिति में ये सामग्री काम आ सकें।
यहां पर सरकार के द्वारा उठाए गए कदम और किसानों के लिए आवश्यक सावधानियों का उल्लेख किया गया है, जिससे किसान नकली खाद, बीज और कीटनाशकों से बच सकते हैं।