जानिए , सरसों में लगने वाले लीफ माइनर रोग से संबंधित जानकारी..
रबी के सीजन में सरसों की खेती किसान भाइयों द्वारा मुख्य रूप से की जाती है।रबी सीजन की फसलों में गेहूं के पश्चात् सरसों का मुख्य स्थान है।तिलहनी फसलों के अंतर्गत सरसों का एक प्रमुख स्थान है।हमारे देश में कई राज्यों में सरसों की खेती मुख्य रूप से की जाती है जैसे – मध्य प्रदेश , उत्तर प्रदेश , राजस्थान , गुजरात , पंजाब , हरियाणा , असम और पश्चिम बंगाल आदि। सरसों एक नकदी फसल है।सरसों के तेल की बाजार मांग अधिक होने के कारण इसका बाजार भाव भी अच्छा मिल जाता है जिससे किसान सरसों की खेती करने में रुचि रखते हैं।
इस वर्ष भी देश के लाखों किसानों द्वारा सरसों की खेती की गई है।इसी क्रम में सरसों में लगने वाले लीफ माइनर रोग के प्रकोप से सरसों की खेती करने वाले किसान भाई चिंतित रहते हैं। लीफ माइनर कीट के प्रकोप से कई बार सरसों की पूरी फसल नष्ट हो जाती है।सरसों में लगने वाले लीफ माइनर कीट से फसल को काफी नुकसान हो जाता है जिससे उत्पादन कम होता है।इस स्थिति में जिन किसान भाइयों ने सरसों की बुवाई की है उन्हें सरसों के लीफ माइनर रोग के बारे में जानकारी होना आवश्यक है ताकि सही समय पर फसल को खराब होने से बचाया जा सके।आइए , सरसों में लगने वाले लीफ माइनर कीट और होने वाले नुकसान और बचाव के उपाय से संबंधित जानकारी प्राप्त करें।
सरसों में लगने वाला लीफ माइनर कीट क्या हैं??
सरसों का लीफ माइनर कीट छोटी मक्खी के समान होता हैं।लीफ माइनर कीट अपने अंडों को सरसों के पौधों की पत्तियों की सतह पर छोड़ देता है।कुछ समय पश्चात् इसमें से छोटे कीट पत्तियों में सुरंग बना देते हैं जिससे पत्तियों में सर्पाकार धारियां बन जाती हैं।पत्तियों को नुकसान पहुंचाने के पश्चात् फसल के दानों पर भी अपना नकरात्मक प्रभाव डालता हैं। लीफ माइनर कीट लगने से तेल की मात्रा पर असर होता हैं और उत्पादन भी कम होता हैं।
लीफ माइनर कीट से कैसे होता हैं फसल को नुकसान??
लीफ माइनर कीट का प्रभाव फसल की बुवाई से लेकर कटाई तक रहता हैं lलीफ माइनर कीट अपने अंडों को सरसों के पौधों की पत्तियों की सतह पर छोड़ देता है।कुछ समय पश्चात् इसमें से छोटे कीट पत्तियों में सुरंग बनाकर ऊतकों को खाता हैं जिससे पत्तियों में सर्पाकार सफेद धारियां बन जाती हैं और इससे पर्णहरित(Chlorophyll) नहीं बन पाता है।लीफ माइनर कीट लगने से दाना कमजोर होने के कारण तेल की मात्रा पर असर होता हैं और उत्पादन भी कम होता हैं।
सरसों की फसल को लीफ माइनर कीट से बचाव के उपाय
सरसों की फसल को लीफ माइनर कीट से बचाव के लिए किसान भाईयों को कुछ उपाय करने चाहिए।लीफ माइनर कीट के प्रकोप से बचाव के लिए कीटनाशकों का प्रयोग करना चाहिए।कीटनाशकों के रूप में प्रति लीटर पानी में लेम्डासाइहेलोथी की 1 मिली मात्रा , प्रति लीटर पानी में साइबरमैथ्रीरीन की 1 मिली मात्रा और लीटर पानी में डाइमेथोएट की 1 मिली मात्रा का घोल बनाकर छिड़काव करें।इसके अतिरिक्त प्रति बीघा में फैनवेलरेट पाउडर की 6 किग्रा मात्रा का भुरकाव करें।
इसके अतिरिक्त सरसों में लीफ माइनर कीट से ग्रसित पत्तियों को तोड़कर जला देना चाहिए ताकि उनमें रहने वाले लार्वा या प्यूपा खत्म हो जाए।इसके लिए किसान भाई यांत्रिक विधियों का प्रयोग करें।
- आवश्यक सलाह : किसान भाई अपने क्षेत्र की मिट्टी के अनुसार और नजदीकी कृषि विशेषज्ञों के सलाह के पश्चात् ही फसल पर उचित कीटनाशक का प्रयोग करें।